सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद जमीन स्तर पर भृष्टाचार रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। गांव के सरकार के मुखिया दोनों हाथों से सरकारी धन को लूटने में मशगूल हैं। लेकिन गांव के विकास पर नजर रखने के लिए बनाए गए विभाग भी खाऊ कमाऊ नीति में मस्त होकर आंखें बंद कर गांव की सरकार को खुला संरक्षण प्रदान कर रहे हैं।