प्रयागराज महाकुंभ में वैष्णव साधुओं द्वारा एक दुर्लभ तपस्या का प्रारंभ हुआ है, जिसमें साधक जलती आग के बीच बैठकर आध्यात्मिक साधना करते हैं। बसंत पंचमी के पावन दिन से शुरू हुई इस कठोर साधना को "पंच धूनी तपस्या" या "अग्नि स्नान साधना" कहा जाता है।
प्रयागराज महाकुंभ में वैष्णव साधुओं द्वारा एक दुर्लभ तपस्या का प्रारंभ हुआ है, जिसमें साधक जलती आग के बीच बैठकर आध्यात्मिक साधना करते हैं। बसंत पंचमी के पावन दिन से शुरू हुई इस कठोर साधना को "पंच धूनी तपस्या" या "अग्नि स्नान साधना" कहा जाता है।
मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतो, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब एक नए शिखर पर पहुंच गया है।
महाकुंभ 2025 में न केवल आध्यात्मिक और धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं, बल्कि सनातन धर्म की रक्षा और परंपराओं की शिक्षा भी दी जा रही है। देवसेना नामक संगठन तीर्थयात्रियों को शास्त्रों के साथ शस्त्रों की भी जानकारी दे रहा है।
प्रयागराज: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को महाकुंभ के अवसर पर प्रयागराज पहुंचेंगे। इस दौरान वह संत महात्माओं से मुलाकात करेंगे और त्रिवेणी संगम में स्नान कर आस्था व्यक्त करेंगे।
महाकुम्भ के अद्भुत आयोजन का जीवंत दृश्य पूरी दुनिया को दिखाने के लिए आधुनिकतम मीडिया सेंटर महाकुम्भ में कार्यरत है। इसमें करोड़ों रुपए की लागत से उच्च गुणवत्ता वाले हाईली प्रोफेशनल कैमरे लगाए गए हैं।
महाकुम्भ में 10 देशों के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने संगम क्षेत्र में स्थित विभिन्न अखाड़ों का दौरा किया। इस यात्रा में उन्होंने न केवल महाकुम्भ के धार्मिक महत्व को समझा बल्कि भारतीय संस्कृति के अद्भुत पहलुओं को भी अनुभव किया।
महाकुम्भ प्रयागराज के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा स्नान पर सोमवार को संगम तट पर उमड़ी भीड़ में पीएम मोदी और सीएम योगी की तस्वीरों संग सेल्फी लेने और फोटो खिंचाने की होड़ दिखाई दी।