एक तरफ देश के प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री, देश व प्रदेश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने की कवायत करते हुए तमाम तरह के स्लोगन देते हुए सपना देख रहे हैं, कि देश और प्रदेश का प्रत्येक गांव, शहर स्वच्छ और स्वस्थ बने, और इसके लिए देश और प्रदेश के मुखिया लगातार करोड़ों रुपया जनप्रतिनिधियों के माध्यम से खर्च करने का काम कर रहे हैं।