आम चुनाव के दौरान बसपा प्रमुख मायावती ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बनाया फिर मैच्योरिटी में कमी और पार्टी का भार उठाने के लिए सक्षम न कहकर सभी पदों से मुक्त कर दिया गया। ऐसे में सवाल उटना लाजिम है कि आकाश को 47 दिन पहले अनमैच्योर (अपरिपक्व) कहने वाली मायावती ने उन्हें फिर से अपना उत्तराधिकारी क्यों बना दिया।