मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। यह सीट न केवल समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है, बल्कि यह चुनाव जातीय समीकरण और वोट बैंक की राजनीति का अहम मोड़ भी साबित हो सकता है।