सीएम योगी से मुलाकात के बाद पल्लवी पटेल ने योगी के लिए अपनाया नरम रुख से राजनीतिक गलियारों में सियासत तेज हो चुकी है। बता दें कि सीएम से मुलाकात के बाद पल्लवी न तो मीडिया के सामने आईं और न ही इस संदर्भ में कोई बयान दिया।
सीएम योगी से मुलाकात के बाद पल्लवी पटेल ने योगी के लिए अपनाया नरम रुख से राजनीतिक गलियारों में सियासत तेज हो चुकी है। बता दें कि सीएम से मुलाकात के बाद पल्लवी न तो मीडिया के सामने आईं और न ही इस संदर्भ में कोई बयान दिया।
हर बार की तरह इस बार भी योगी सरकार किसानों का संकटमोचक बनकर आई है। प्रदेश के जिन इलाकों में कम बारिश की वजह किसान धान की बोआई नहीं कर पाए हैं या बाढ़ से उनकी फसल क्षतिग्रस्त हुई है, उन क्षेत्रों के किसानों की क्षति की भरपाई के लिए सरकार मक्का, बाजरा, ज्वार , दलहन और तिलहन के बीज अनुदान पर दे रही है। साथ ही कृषि विभाग के
यूपी में करीब 17 दिन के लंबे ब्रेक के बाद आज मानसून का आगमन फिर से आगरा के रास्ते हो रहा है। अगले 3 से 4 दिन में मानसून के ये बादल पूरे प्रदेश को अपने आगोश में ले लेंगे। आज 22 जिलों में बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
ताज नगरी आगरा में सरकार का स्वच्छता मिशन पूरी तरह से फेल नजर आ रहा है। नगर निगम के अधिकारियों की नाकामी की वजह से कई वार्ड गंदगी के ढ़ेर में तब्दील हो गए हैं। चारों तरफ कूड़ा ही कूड़ा नजर आ रहा है। जिसके चलते लोग अब बीमार पड़ेने लगे हैं। वहीं स्थानीय लोगों की तमाम शिकायतों के बाद भी अधिकारियों के कान बंद हो रखे हैं।
गर्मी के माहौल में रेलवे द्वारा यात्रियों को और सुगम सुविधा देने के लिए गोरखपुर से मुंबई तक अन्य रूटों पर 3 समर स्पेशल ट्रेनें चलाने की बात कही है। बता दें कि गोरखपुर से शुरू होकर ये स्पेशल ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों से होते हुए बांद्रा, सियालदह और महबूबनगर तक अपना सफर तय करेंगी।
प्रयागराज में लुप्तप्राय हो रहे पनियाले को योगी सरकार फिर से पुनर्जीवन देने जा रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पहले से ही जुड़ा हुआ है और पहले से ही इस संदर्भ में अपना काम कर रहा है।
सरकारी कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर सीएम योगी का एक्शन प्लान हमेशा ऑन रहता है। हालिया घटनाक्रम में योगी सरकार ने जनपद चित्रकूट के तहत स्कूली बस का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने में लापरवाही पर एक्शन लिया है।
गरीबों के हित में सरकार कई योजनाएं लागू करती रहती है, ऐसी ही आयुष्मान योजना भी है जिसे केंद्र ने गरीबों के अच्छे इलाज के लिए धरातल पर लाया है। इसी संदर्भ में कानपुर के 16 प्राइवेट अस्पतालों ने आवेदन पत्र भरा था। पर जब जिलाधिकारी के आदेश पर अस्पतालों की जांच के लिए अस्पतालों में एडीएम की टीम पहुंची तो कई खामियां मिलीं।
जनता की समस्याओं को सुनने और समय पर उनकी समस्याओं का निस्तारण सुनिश्चित कराने के लिए योगी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। गुड गवर्नेंस की अपनी प्रतिबद्धता का अनुकरण करते हुए सरकार ने प्रदेश भर की विभिन्न तहसीलों में तैनात उपजिलाधिकारी (एसडीएम) एवं तहसीलदार को अब उसी तहसील में निवास करने का आदेश जारी किया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के युवाओं को विभिन्न सेक्टर में स्किल्ड बनाने के लिए तमाम प्रयास हो रहे हैं। इसी क्रम में अब संस्कृति विभाग की तरफ से उप्र राज्य ललित कला अकादमी ने भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के साथ मिलकर युवाओं को दृश्यकला से जोड़ने का अभिनव प्रयास किया है।
गोरखपुर में बाढ़ के प्रभाव से आम लोगों की काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों को एक तो मानसूनी बारिश और दूसरा नेपाल से छोड़े गए पानी के तबाही से सामना करना पड़ रहा है। वहीं राप्टी नदी का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में स्थानीय इलाकों में जलभराव की स्थिति लगातार बनी हुई है।
सावन का महीना और शिव भक्तों का शिव से नाता क्या है ये बात आप कांवड़ यात्रा को देखकर स्वयं समझ सकते हैं। ऐसे में भक्तों की भीड़ को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। रेलवे ने गोरखपुर-देवघर-गोरखपुर सावन मेला स्पेशल ट्रेन(05028/05027) में चार डब्बे और बढ़ाने का निर्णय लिया है।
विधायक की शिकायत को गलत बताकर काली नदी की जमीन पर अवैध कब्जा नहीं होने की सिंचाई विभाग ने दी थी रिपोर्ट। झूठी रिपोर्ट देने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भाजपा के सदर विधायक ने लिखी सीएम योगी को चिट्ठी। सिंचाई विभाग के अफसरों ने रिपोर्ट में लिखा था काली नदी की जमीन पर नहीं है अवैध कब्जा। भाजपा विधायक की चिट्ठी से प्रशासन में मचा हड़कंप। बुलन्दशहर
मानसून के आगमन के बाद नेपाल से सटे यूपी राज्य के 10 जिलों में बाढ़ के प्रभाव से आम लोग भारी मात्रा में प्रभावित हो रहे हैं। वहीं गोरखपुर में बह रही राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। ऐसे में नदी के किनारे बसे गांवों में पानी भरता जा रहा है। जिससे करीब 40 हजार लोग सीधे प्रभावित हो रहे हैं।
योगी सरकार जब पहली बार यूपी की सत्ता में 2017 में आई थी तभी ये फरमान जारी हो गया था कि यूपी की सड़को को गड्ढा मुक्त किया जाए। अब करीब 7 साल से अधिक का समय बीत चुका है, वहीं जमीनी स्तर पर सरकार के इस फरमान का कितना लाभ हुआ है। ये तो आप सुल्तानपुर के कादीपुर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले दोस्तपुर से मालीपुर मार्ग को देख