महाकुम्भ में 16 जनवरी से 24 फरवरी तक 'संस्कृति का महाकुम्भ' होगा। मुख्य मंच गंगा पंडाल का होगा, जिसमें देश के नामचीन कलाकार भारतीय संस्कृति का प्रवाह करेंगे।
महाकुम्भ में 16 जनवरी से 24 फरवरी तक 'संस्कृति का महाकुम्भ' होगा। मुख्य मंच गंगा पंडाल का होगा, जिसमें देश के नामचीन कलाकार भारतीय संस्कृति का प्रवाह करेंगे।
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान पर्व ऐतिहासिक रहा। मंगलवार को लगभग साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम तट पर पवित्र डुबकी लगाई। संगम तट पर अखाड़ों के संतों और गुरुओं ने भी स्नान किया।
महाकुंभ 2025 में संतों और बाबाओं के अलग-अलग रंग और रूप देखने को मिल रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं अद्भुत स्वामी श्री कृष्ण, जो अपने अनोखे कृष्ण स्वरूप और बुलेट पर भ्रमण करने की वजह से चर्चा में हैं।
महाकुंभ नगर, जिसे मंदिरों और घाटों की नगरी कहा जाता है, में सनातनी आस्था का अनोखा स्वरूप देखने को मिला। त्रिवेणी घाट पर आयोजित गंगा आरती ने भक्ति और आस्था का ऐसा माहौल रचा कि हर कोई उसमें खो गया।
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का भव्य आगाज आज, 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान के साथ हुआ। श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाकर आस्था प्रकट की और पुण्य लाभ अर्जित किया। यह आयोजन आध्यात्मिकता और परंपराओं का प्रतीक है, जिसमें देश-विदेश से लाखों लोग हिस्सा ले रहे हैं।