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कौशाम्बी में महाकुंभ के आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम की ओर रवाना हो रहे हैं, जिससे इलाके में भारी भीड़भाड़ देखी जा रही है।
महाकुंभ के दौरान सेक्टर-12 में आयोजित परमधर्मसंसद में हिंदू पहचान, दिनचर्या और संस्कारों पर विशेष चर्चा हुई। इस दौरान ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हिंदू धर्म की पहचान और उसके महत्व को बनाए रखने पर जोर दिया।
मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतो, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब एक नए शिखर पर पहुंच गया है।
महाकुम्भ में व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए प्रयागराज में मंडलायुक्त रहे आशीष गोयल और एडीए के वीसी रहे भानु गोस्वामी की तैनाती के साथ ही 05 विशेष सचिव भी तैनात किये गए हैं।
महाकुंभ 2025 के दौरान 5 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे। उनके इस कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा हो चुकी है। इसी दिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी महाकुंभ में स्नान करेंगे। उनके साथ कांग्रेस के कई अन्य नेता और पदाधिकारी भी शामिल होंगे।
महाकुंभ 2025 के विशेष स्नान पर्व मौनी अमावस्या के अवसर पर विंध्यधाम में लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। यह पर्व 29 जनवरी को है, और इस दिन पांच से छह लाख श्रद्धालुओं के विंध्यवासिनी धाम में दर्शन करने की संभावना है।
महाकुंभ मेले में शुक्रवार से बाहरी गाड़ियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह निर्णय गणतंत्र दिवस के चलते शनिवार और रविवार को होने वाली भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
विंध्य एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी मिलने से मिर्जापुर समेत पूर्वांचल के जिलों में विकास को नई गति मिलेगी। इससे न केवल यातायात व्यवस्था बेहतर होगी, बल्कि पर्यटन, ट्रांसपोर्ट और खनन जैसे प्रमुख उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।
महाकुंभ 2025 के धार्मिक-सामाजिक समागम के बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में प्रयागराज में आयोजित मंत्रिमंडल बैठक में उत्तर प्रदेश के विकास के लिए 10 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
महाकुंभ नगर में बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक संपन्न होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ मंत्रियों के साथ संगम पहुंचे और डुबकी लगाई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में प्रयागराज के महाकुंभ क्षेत्र में एक विशेष कैबिनेट बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक में प्रदेश से जुड़ी कई अहम योजनाओं और प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
दंडी संन्यासी सनातन हिंदू धर्म के सर्वोच्च साधक माने जाते हैं। इनकी सबसे बड़ी पहचान उनका ‘दंड’ होता है, जो उनके और परमात्मा के बीच एक पवित्र कड़ी का प्रतीक है।
महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को ठंड से बचाने के लिए योगी सरकार ने ऑनलाइन इंतजाम भी किया है। महाकुम्भ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत न आने पाए इसके लिए उत्तर प्रदेश वन निगम ने अलाव की लकड़ी की व्यवस्था को भी ऑनलाइन कर दिया है।
वाराणसी, जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है, भारत की धार्मिक मान्यताओं का केंद्र और शिव की प्रिय नगरी है। यह नगरी मोक्ष और आध्यात्मिकता की प्रतीक मानी जाती है।