नए भवन के निर्माण के लिए प्रभारी प्रधानाधपिका ने कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा। इसके बाद भी आज तक भवन नहीं बन सका। जिसकी वजह से बच्चों को एक ही छत के नीचे कंबाइंड क्लासों के सहारे पढ़ाई करनी पड़ रही है।
नए भवन के निर्माण के लिए प्रभारी प्रधानाधपिका ने कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा। इसके बाद भी आज तक भवन नहीं बन सका। जिसकी वजह से बच्चों को एक ही छत के नीचे कंबाइंड क्लासों के सहारे पढ़ाई करनी पड़ रही है।