UP Lok Sabha Seat: आगामी 2024 के आमचुनाव में भाजपा की ओर से पीलीभीत सीट से वरुण गांधी का टिकट कट जाने के बाद उनकी मां मेनका गांधी का एक भावुक बयान सामने आया है। वे इस बयान में पीलीभीत के लेकर बहुत भावुक दिखीं|
UP Lok Sabha Seat: आगामी 2024 के आमचुनाव में भाजपा की ओर से पीलीभीत सीट से वरुण गांधी का टिकट कट जाने के बाद उनकी मां मेनका गांधी का एक भावुक बयान सामने आया है। वे इस बयान में पीलीभीत के लेकर बहुत भावुक दिखीं|
Loksabha Election 2024 का शंखनाथ हो चुका है। उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में मतदान कराने का निर्णय इलेक्शन कमीशन द्वारा लिया गया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होने वाला है।
आम चुनाव जैसे जैसे पास आता जा रहा है चुनावी सरगर्मियां भी उतने ही तेजी से बड़ती जा रही हैं। ऐसे मं पीलीभीत जिले में और बरेली के बहेड़ी विधानसभा क्षेत्रों से 820 मतदाताओं ने बैलेट पेपर से चुनाव करने के लिए फॉर्म भर दिया है। चुनाव आयोग ने इन मतदाताओं को पोस्टल बैलेट से वोटिंग करवाने के लिए 21 पोलिंग पार्टी बनाई है।
मैनपुरी को सपा का गढ़ भी कहा जाता है जहां मुलायम सिंह से लेकर डिंपल यादव तक, एक ही परिवार का स्वामित्व और एकाधिकार रहा है। जिसके चलते लोकसभा चुनाव 2019 हो या उससे पहले के चुनाव हो भाजपा और बसपा जैसी पार्टियों ने बेशक कई तिकड़म बाजी लगाई पर कोई असर नहीं हुआ।
प्रियंका गांधी के पति और सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के एक बयान ने अमेठी के राजनीतिक हवाओं के गर्म कर दिया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि अमेठी के लोग चाहते हैं कि वे राजनीति में पहला कदम अमेठी संसदीय सीट से रखें क्योंकि उनकी पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी राजनीति में अपना पहला कदम 1999 में यहीं से चुनाव प्रचार करके किया था।
मथुरा उत्तर प्रदेश राज्य का एक शहर है। यह आगरा के उत्तर में लगभग 50 किलोमीटर (31 मील) और दिल्ली से 145 किलोमीटर (90 मील) दक्षिण-पूर्व में बसा हुआ है; ये वृंदावन शहर से लगभग 11 किलोमीटर (6.8 मील), और गोवर्धन पर्वत से 22 किलोमीटर (14 मील) के दूरी पर है और मथुरा जिले का प्रशासनिक केंद्र भी है। प्राचीन काल में मथुरा एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में माना
अलीगढ़ का प्राचीन नाम कोइल (Koil) या कोल (Kol) था, जो कि वर्तमान में भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक नगर है। यह अलीगढ़ ज़िले और ज़िले में स्थित कोइल तहसील का मुख्यालय भी है। अलीगढ़ संसदीय क्षेत्र दिल्ली से 130 किमी दक्षिणपूर्व और लखनऊ से 342 किलोमीटर पश्चिमोत्तर में बसा हुआ है।
बुलंदशहर का इतिहास 1200 ईसा पूर्व से बहुत पहले ही हो जाता है यह क्षेत्र पांडवों के इंद्रप्रस्थ और हस्तीनापुर की राजधानी पास बसा हुआ है। बुलंदशहर उत्तर पूर्व में स्थित है जो की हस्तिनापुर में आहार के पतन के पांडवों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बना। समय के साथ-साथ राजा पर्मा ने क्षेत्र के इस भाग पर एक किले का निर्माण करवाया और अहिबरन नाम के एक राजा ने
मुगल काल के दौरान 1857 के विद्रोह के बाद, शहर का महत्व बड़ गया और फिर इसे तहसील बागपत के मुख्यालयों के रूप में बसाया। बता दें कि लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं। जिनके नाम सिवालखास, छपरौली, बड़ौत, बागपत और मोदीनगर हैं। इसमें सिवालखास सीट मेरठ जिले से और मोदीनगर गाजियाबाद जिले से शामिल की गई है।
अमरोहा भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक नगर है और ज़िले का मुख्यालय भी है इसी के साथ ये गंगा नदी के समीप स्थित है। यह पहले मुरादाबाद ज़िले का ही एक हिस्सा था और 24 अप्रैल 1997 को नवगठित अमरोहा ज़िले के मुख्यालय के रूप में जाना गया। यह ज़िला बिजनौर ज़िले से दक्षिण, मुरादाबाद ज़िले के पश्चिम और मेरठ जिला, गाजियाबाद जिला तथा बुलंदशहर जिला के
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले में स्थित एक शहर और नगर पालिका है। रामपुर मुरादाबाद एवं बरेली के बीच पड़ता है। ये नगर उपर्युक्त ज़िले का प्रशासनिक केंद्र है तथा कोसी के बाएँ किनारे पर बसा हुआ है। इस नगर में उत्तरी रेलवे का स्टेशन भी है।
भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य में मुरादाबाद ज़िला आता है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। मुरादाबाद जिला रामगंगा नदी के किनारे स्थित है और यहां की जलवायु सम व विषम दोनों ही हैं तथा यहां एक नगर पंचायत कांठ भी है। वहीं तहसील व कांठ थाना उत्तर प्रदेश में नंबर एक की श्रेणी में प्रथम नंबर पर आता है।
नगीना संसदीय सीट, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बिजनौर ज़िले में स्थित एक नगर है। ब्रिटिश शासनकाल में “नगीना ” लखनहाई मुस्लिम से संबंधित नवाबों के स्वामित्व वाला एक नगर था। ब्रिटिश शासन में “नगीना ” का 1909 से 1919 तक यूपी विधायी परिषद को पुरानी और युवा दल द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया था।
बिजनौर संसदीय सीट, उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। डिस्ट्रिक्ट गजेटियर के अनुसार बिजनौर मुरादाबाद का हिस्सा था। फिर 1817 में यह मुरादाबाद से अलग हो कर दिया गया, नाम मिला नार्थ प्रोविस ऑफ मुरादाबाद जिसका मुख्यालय बना नगीना और इसके पहले कलक्टर बने थे बोसाकवेट। फिर उन्होंने अपना कार्यभार एनजे हैलहेड को सौंप दिया। इसके बाद हैलहेड ने नगीना से हटाकर बिजनौर को मुख्यालय बना
कैराना संसदीय सीट की बात करें तो ये उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक है। ये मुजफ़्फ़रनगर से करीब 50 किमी, पश्चिम में हरियाणा पानीपत से सटा यमुना नदी के पास बसा है। कैराना को प्राचीन काल में ‘कर्णपुरी’ के नाम से जाना जाता था जो बाद में बिगड़कर किराना नाम से जाना जाने लगा और फिर किराना से कैराना में परिवर्तित हो गया। आपको बता