नगर निगम के टैक्स विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसमें घर और फैक्ट्री दोनों का टैक्स मात्र 262 रुपये दिखाया गया है। जब यह सूची पार्षदों के हाथ लगी, तो उन्होंने न केवल इस पर सवाल उठाए बल्कि इसे टैक्स चोरी का मामला बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई।
बैठक में सामने आई गड़बड़ी
नगर निगम में सोमवार को टैक्स वसूली को लेकर एक अहम बैठक आयोजित हुई थी, जिसमें शहर के सभी पार्षद मौजूद थे। इस दौरान टैक्स विभाग के अधिकारियों ने प्रत्येक वार्ड के पार्षदों को बकाया टैक्स की सूची सौंपी। अगले दिन वार्ड नंबर 25 के पार्षद मुनेंद्र यादव जब इस सूची को देखने लगे, तो उसमें दर्ज टैक्स राशि देखकर हैरान रह गए। सूची में न केवल घरों बल्कि फैक्ट्रियों और प्रतिष्ठानों का भी टैक्स केवल 262 रुपये दर्शाया गया था।
पार्षदों ने उठाए सवाल, की जांच की मांग
इस गड़बड़ी को देखकर पार्षद मुनेंद्र यादव ने तत्काल निगम कार्यालय में विरोध जताया और अधिकारियों पर टैक्स चोरी में संलिप्त होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जहां फैक्ट्रियों पर हजारों रुपये टैक्स लगना चाहिए, वहां मात्र 262 रुपये दिखाया गया है, जो एक बड़ी वित्तीय गड़बड़ी की ओर इशारा करता है। पार्षद ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की अपील की।
नगर निगम का बचाव – बताया तकनीकी त्रुटि
जब इस मामले पर सहायक नगर आयुक्त निहाल सिंह से बात की गई, तो उन्होंने इसे कर्मचारी की गलती बताते हुए कहा कि गलत सूची प्रिंट हो गई थी और अब इसे सही कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नगर निगम इस गलती को जल्द सुधार लेगा और पारदर्शिता बनाए रखेगा।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी लापरवाहियां
यह कोई पहला मामला नहीं है जब फिरोजाबाद नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हों। इससे पहले भी टैक्स वसूली और अन्य वित्तीय मामलों में अनियमितताओं की शिकायतें आती रही हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा उचित कार्रवाई न करने की वजह से मामले दबा दिए जाते हैं।
क्या होगी दोषियों पर कार्रवाई?
अब देखना यह होगा कि इस बार नगर निगम लापरवाह कर्मचारियों और अधिकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी लीपापोती की भेंट चढ़ जाएगा। पार्षदों का कहना है कि यदि इस पर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो शहर में टैक्स वसूली की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो जाएंगे।