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Jalaun News: प्रशासन के बन्दरबांट से, गढ्ढों में तब्दील हो रहीं सड़कें नहीं हो रही सुनवाई

योगी सरकार प्रदेश की सड़कों को गढ्ढामुक्त करने के लिए लाख आदेश व दिशा निर्देश जारी कर दे लेकिन जिलों में बैठे अधिकारियों पर इसका कोई खास असर नजर नही आता सिर्फ कागजो में गढ्ढामुक्त अभियान चलाकर खानापूर्ति कर ली जाती है और लाखों करोड़ों रुपये के बजट का बन्दरबांट कर लिया जाता है लेकिन हकीकत में सड़के गढ्ढामुक्त की जगह गढ्ढायुक्त बनी रहती है।

महज कागजों में हो रही है खानापूर्ति

आपको बता दे कि जालौन में भी गढ्ढा मुक्त सड़कों के अभियान का भी कुछ यही हाल है। जहाँ सड़को को गढ्ढामुक्त करने के नाम पर महज कागजो में खानापूर्ति की गई है लेकिन धरातल पर सड़के चलने लायक तक नही बची है खराब सड़कों की बजह से आए दिन लोग हादसों का शिकार हो रहे है।

सड़क में गढ्ढे या गढ्ढे में सड़क

जालौन नगर की मुख्य सड़क जो चुर्खी रोड के नाम से जानी जाती है। इस सड़क की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है कि इस सड़क से अब लोगों का निकलना तक मुश्किल हो चुका है। सड़क को देखने पर कोई यह पता नहीं लगा सकता कि सड़क में गढ्ढे है या गढ्ढो में सड़क। बारिश में तो इस सड़क की वजह से लोगों को और ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है।

बारिश में आम लोगों के लिए बन जाती है सड़क काल

बारिश का पानी गढ्ढो में भर जाने से लोग गढ्ढो की गहराई का अनुमान तक नहीं लगा पा रहे है और आए दिन हादसों का शिकार हो रहे हैं। नगर के लोग अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक इस सड़क की मरम्मत के लिए गुहार लगा चुके है। लेकिन, स्थिति जस की तस बनी हुई है कोई भी अधिकारी व जनप्रतिनिधि इस सड़क पर ध्यान नहीं दे रहे है। करीब 1 माह पहले सदर विधायक ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ इस सड़क का निरीक्षण किया था और लोगों को सड़क की मरम्मत का आश्वाशन दिया था पर उसके बाद भी स्थिति वैसी की वैसी बनी हुई है जिसपर कोई सुनवाई नहीं हो सकी है।

गढ्ढो की गहराई का अनुमान लगाना मुश्किल

नगर के लोगों का कहना है कि वो इस सड़क को लेकर कई बार अधिकारियों व नेताओं से गुहार लगा चुके है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लोगों ने बताया कि इसी सड़क से स्कूली बच्चे,स्कूली बसें व वैन गुजरती हैं जिससे हमेशा किसी हादसे का डर बना रहता है ,बाइक व साइकिल से निकलने वाले लोग तो लगभग हर दिन हादसे के शिकार हो रहे है। क्योंकि, सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी है। बारिश का पानी गढ्ढो में भर चुका है जिससे गढ्ढो की गहराई का अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है जिससे गढ्ढो में गिरकर लोग घायल हो रहे हैं।

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