बिजनौर में पिछले कुछ दिनों से आदमखोर गुलदार से डर का माहौल बन गया है। यहां गुलदार का आतंक इतना है कि लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। सात महीने में गुलदार ने 13 लोगों को मार दिया है। इन दिनों गुलदार का हमला कुछ ज्यादा हो गया है। खेत में काम कर रहे लोगों को गुलदार अपना निशाना बना रहा है। अब यहां एक दो जगह नहीं बल्कि कोतवाली देहात से रेहड़ तक वन विभाग और पुलिस की टीमें गुलदार की घेराबंदी कर रही हैं।
यहां लगभग 50 किलोमीटर की दूरी में 12 संवेदनशील इलाकों को चिंहित कर 12 टीम तैनात की जा रही है। सभी टीमों में वन विभाग के अधिकारी, पुलिसकर्मी, डॉक्टर और राजस्वकर्मियों की तैनाती की गई है। यह टीम हथियार, ट्रैंक्यूलाइज गन, जाल और पिंजरों के साथ गुलदार को पकड़ने का काम करेगी। गुलदार के लगातार हमलों के बाद उसकी तलाश की जा रही है। अब उसकी चाल से ही उसे मात देने की तैयारी है। विशेषज्ञों ने कोतवाली देहात से रेहड़ तक 12 ऐसी जगह चिह्नित कर ली हैं, जहां पर गुलदार की चहलकदमी सबसे ज्यादा हो रही है।
यहां गुलदार को पकड़ने के लिए हर एक जगह के लिए 12 लोगों की टीम बना दी गई हैं। जिसमें दो पुलिसकर्मी, दो राजस्वकर्मी, एक ट्रैंक्यूलाइज विशेषज्ञ चिकित्सक, एक रेंजर, एक वाचर तैनात रहेंगे। इसके अलावा टीम के पास दो हथियार, एक ट्रैक्यूलाइज गन, एक ड्रोन कैमरा, जाल भी रहेगा। टीम ने इन संवेदनशील जगहों पर मचान बनानी शुरू कर दी है।
डीएफओ ने बताया कि गुलदार के हमले में पिछले छह-सात महीने में लगभग 13 मौतें हुईं हैं। जब उनसे पूछा गया कि गुलदार को पकड़ने के लिए अब तक क्या प्रयास हुआ है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अगर लिखने बैठे तो पूरी किताब भर जाएगी। उन्होंने बताया कि करीब 10 टीमें लगी हुईं हैं इसको कॉम्बिंग करने करने के लिए। उन्होंने बताया कि उसको पकड़ने के लिए टीमें कोशिश कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उसको ट्रैक करने के लिए दो ड्रोन कैमरे भी लगाए गए हैं।
बिजनौर से संवाददाता रोहित कुमार की रिपोर्ट।