प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के मद्देनजर किए गए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जिन सड़कों और नालियों का निर्माण महज तीन महीने पहले हुआ था, वे अब उखड़ने और धंसने लगी हैं। कई इलाकों में नालियों की निकासी नहीं की गई है, जिससे जलभराव की स्थिति बनी हुई है। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने स्थिति को देखते हुए 21 जांच टीमों का गठन किया है।
प्रमुख क्षेत्रों की सड़कों की हालत बेहद चिंताजनक है:
पीडीए ने कई सड़कों के साथ नालियों का निर्माण तो कराया, लेकिन उन्हें किसी मुख्य नाले या सीवर लाइन से नहीं जोड़ा गया। परिणामस्वरूप वे कचरे से भर चुकी हैं, जिससे जलनिकासी असंभव हो गई है।
शास्त्री ब्रिज के सौंदर्यीकरण पर 2.35 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसमें से 1.13 करोड़ वर्टिकल गार्डेन पर लगे। लेकिन पौधे महाकुंभ आयोजन के दौरान ही सूख गए। मंडलायुक्त की फटकार के बाद दोबारा पौधे लगाए गए, पर आज भी अधूरे और सूखे नजर आ रहे हैं।
अब तक 103 निर्माण कार्यों की जांच शुरू
जिन कार्यों में खामियां पाई जाएंगी, उनका भुगतान रोका जाएगा और सुधार कराया जाएगा।
“महाकुंभ कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 21 जांच टीमें गठित की गई हैं। जहां भी कमी मिलेगी, सुधार कराया जाएगा। जलनिकासी की सभी व्यवस्थाएं मानसून से पहले दुरुस्त कराई जाएंगी।” – विजय विश्वास पंत, मंडलायुक्त प्रयागराज