प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के मद्देनजर किए गए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जिन सड़कों और नालियों का निर्माण महज तीन महीने पहले हुआ था, वे अब उखड़ने और धंसने लगी हैं। कई इलाकों में नालियों की निकासी नहीं की गई है, जिससे जलभराव की स्थिति बनी हुई है। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने स्थिति को देखते हुए 21 जांच टीमों का गठन किया है।
सड़कों की हालत खराब, दुर्घटनाओं का खतरा
प्रमुख क्षेत्रों की सड़कों की हालत बेहद चिंताजनक है:
- मुट्ठीगंज में छोटा चौराहा से आर्य कन्या तक सड़क, नाली, पटरी सब उखड़ चुकी है।
- जीटीबी नगर करेली से मस्तान मार्ग वाली सड़क में गड्ढे।
- सीएवी कॉलेज और सीएमपी डिग्री कॉलेज के सामने सड़कें धंस चुकी हैं।
- बालू और गिट्टी भरकर अस्थायी मरम्मत की गई, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है।
नालियां बनीं, पर निकासी नहीं
पीडीए ने कई सड़कों के साथ नालियों का निर्माण तो कराया, लेकिन उन्हें किसी मुख्य नाले या सीवर लाइन से नहीं जोड़ा गया। परिणामस्वरूप वे कचरे से भर चुकी हैं, जिससे जलनिकासी असंभव हो गई है।
- शंकरलाल भार्गव मार्ग जैसी कई जगहों पर पार्षदों को धरना देना पड़ा।
- नगर निगम ने 24 से अधिक नालों की सूची सौंपी, जिनमें निकासी की व्यवस्था नहीं है।
- बारिश के समय भारी जलभराव की चेतावनी दी गई है।
वर्टिकल गार्डेन बना दिखावा, पौधे सूख गए
शास्त्री ब्रिज के सौंदर्यीकरण पर 2.35 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसमें से 1.13 करोड़ वर्टिकल गार्डेन पर लगे। लेकिन पौधे महाकुंभ आयोजन के दौरान ही सूख गए। मंडलायुक्त की फटकार के बाद दोबारा पौधे लगाए गए, पर आज भी अधूरे और सूखे नजर आ रहे हैं।
अब तक 103 निर्माण कार्यों की जांच शुरू
- पीडीए के 59 कार्यों की जांच के लिए 12 टीमें
- नगर निगम के 44 कार्यों की जांच के लिए 9 टीमें
- 10 मई तक सभी टीमों को रिपोर्ट देने के निर्देश
जिन कार्यों में खामियां पाई जाएंगी, उनका भुगतान रोका जाएगा और सुधार कराया जाएगा।
मंडलायुक्त ने क्या कहा?
“महाकुंभ कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 21 जांच टीमें गठित की गई हैं। जहां भी कमी मिलेगी, सुधार कराया जाएगा। जलनिकासी की सभी व्यवस्थाएं मानसून से पहले दुरुस्त कराई जाएंगी।” – विजय विश्वास पंत, मंडलायुक्त प्रयागराज