यूपी की बात ने प्राथमिकता से खबर से चलाई थी। जिसके बाद स्वास्थ्य मंन्त्री ब्रजेश पाठक ने खबर का संज्ञान ले कर बड़ी कार्रवाई की है। सीएम योगी आदित्यनाथ सूबे के स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं। इसके बाद भी नीचे बैठे स्वास्थ्यकर्मी सरकार के मंसूबे पर पानी फेर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठन ने सीएमओ को बाहर से लिखी जाने वाली दवाइयों पर प्रतिबंध लगाने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कुशीनगर संयुक्त जिला अस्पताल की अव्यस्थाओं पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से इस बात की जानकारी देते हुए लिखा कि जिला चिकित्सालय, कुशीनगर में अव्यवस्थाओं एवं बाहर की दवा लिखे जाने संबंधी प्रकरण संज्ञान में आने पर मेरे द्वारा इस संबंध में प्रभावी कार्यवाही करते हुए चिकित्सालय से बाहर की औषधियों का परामर्श देने वाले चिकित्सकों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के आदेश मुख्य चिकित्साधिकारी कुशीनगर को दे दिये गये हैं।
यूपी की बात ने सवाल उठाया था कि योगी सरकार में डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्रालय संभाल रहे ब्रजेश पाठक लगातार स्वास्थ्य विभाग को सही करने में लगे हुए हैं। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक उत्तर प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों में डाक्टर से लेकर दवाईयों की उपलब्धता पर जोर दे रहे हैं, जिससे आम आदमी को अस्पताल आने के बाद डाक्टर और दवा मिल जाएं। लेकिन जब यूपी की बात की टीम कुशीनगर जिला चिकित्सालय की पड़ताल करने पहुंची तो वहां कुछ और ही नजर आया।
यूपी की बात की टीम को देखने को मिला था कि मरीजों की लंबी कतार तो थी, लेकिन पुरुष ओपीडी हो या महिला ओपीडी के चेंबर बंद थे, और डाक्टर नदारद थे। इलाज कराने पहुंचे मरीज़ इमरजेंसी में बैठे डॉक्टर से इलाज कराने को मजबूर दिखाई दिए। यदि डाक्टर को दिखा दिया भी तो हास्पिटल के अंदर जरुरी दवाएं भी मिलना मुश्किल हैं। मजबूरी में मरीजों को बाहर से दवा खरीदना पड़ रहा। आखिर कब तक स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर चलेंगी कब तय होगा जिम्मेदारों की जवाबदेही। जिसके बाद मामले को संज्ञान में लेकर स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने बड़ी कार्रवाई की है।