साल 2025 आगरा के लिए कई नई सौगातें लेकर आएगा। इस साल शहर की प्रमुख परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी, जिससे जाम की समस्या में राहत मिलेगी और यातायात सुगम होगा।
उत्तरी बाइपास, इनर रिंग रोड का तीसरा चरण और खंदारी रैंप से बिजलीघर चौराहा तक भूमिगत मेट्रो ट्रैक का निर्माण इसी साल पूरा होगा। इन परियोजनाओं से आगरा के लोगों को सुविधा मिलने के साथ-साथ शहर के विकास को भी गति मिलेगी।
उत्तरी बाइपास का निर्माण
31 मार्च तक उत्तरी बाइपास का निर्माण पूरा होने के बाद यह रैपुरा जाट से मिडावली (हाथरस) तक का मार्ग तैयार होगा, जिसे यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। 383 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह बाइपास शहर के प्रमुख चौराहों जैसे रुनकता और सिकंदरा तिराहा पर जाम की समस्या को कम करेगा। वहीं, 31 मई को इनर रिंग रोड के तीसरे चरण का निर्माण पूरा होने से लखनऊ से ग्वालियर जाने वाले वाहन शहर में प्रवेश किए बिना गुजर सकेंगे, जिससे यातायात दबाव कम होगा।
भूमिगत मेट्रो ट्रैक
खंदारी रैंप से बिजलीघर चौराहा तक का साढ़े चार किलोमीटर लंबा भूमिगत मेट्रो ट्रैक 31 जुलाई तक शुरू हो जाएगा। इससे खंदारी से टीडीआई मॉल, फतेहाबाद तक की यात्रा का समय 35 मिनट से घटकर 22 मिनट रह जाएगा। मेट्रो की संख्या बढ़ाकर इसे हर 3-5 मिनट के अंतराल पर उपलब्ध कराया जाएगा। अब तक मेट्रो में 15 लाख से अधिक यात्री सफर कर चुके हैं।
खंदौली-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे का निर्माण
मार्च में खंदौली-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू होगा, जो 3500 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा। यह एक्सप्रेसवे खंदौली से अलीगढ़ की दूरी को महज एक घंटे में पूरा करने में सक्षम होगा। वहीं, फरवरी से ग्वालियर एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू होगा, जिसकी लंबाई 88 किलोमीटर होगी। 4200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेसवे आगरा से ग्वालियर की यात्रा को डेढ़ घंटे में संभव करेगा।
इसके अलावा, रेलवे ने 116 करोड़ रुपये की लागत से रुई की मंडी रेल ओवर ब्रिज का निर्माण शुरू कर दिया है। यह आरओबी रुई की मंडी, नगला छऊआ और बारहखंभा रेलवे फाटक को जोड़ेगा, जिससे शाहगंज क्षेत्र में जाम की समस्या खत्म होगी। इन सभी परियोजनाओं का पूरा होना आगरा को एक आधुनिक और सुव्यवस्थित शहर में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।