बरेली जिले के स्टेडियम रोड पर डॉक्टर एम. खान का अस्पताल है। इस अस्पताल में 23 जून को संजय नगर के रहने वाले एक हिंदू दंपती अपने दो साल के बेटे का तोतलेपन का इलाज कराने के आए थे। लेकिन डॉक्टर पर हैरान कर देने वाला आरोप लगा। जिस किसी को भी डॉक्टर हकरत के बारे में पता चला वह दंग रह गया। दरअसल, आरोप है कि तालू के ऑपरेशन की बजाय डॉक्टर एम. खान ने बच्चे का खतना कर दिया। बच्चे के पिता ने डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। मामला सामने आने के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लिया और सीएमओ को एक कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए। अब इस मामले की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
जांच टीम ने पहले इस बात का पता लगाया कि क्या बच्चे को तुतने की समस्या है या फिर नहीं। ईनटी विशेषज्ञ ने टंग टाई की प्रॉब्लम की जांच की तो इस बात का पता चला कि बच्चे को ऐसी समस्या है। चिकित्सीय डाक्यूमेंट जांच और दोनों पक्षों के स्टेटमेंट के बेस पर अब रेडी की जा रही है। जिसके बाद उच्च अधिकारी इसकी गहन समीक्षा करेंगे फिर फाइल शासन को भेजी जाएगी।
आपको बता दें कि तीन दिन पहले उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को जांच की प्राथमिक रिपोर्ट भेजी गई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चे को टंग टाई की प्रॉब्लम है, ऐसा तथ्य सामने आया है। जिसके बाद ईएनटी विशेषज्ञ से इसके टेस्टिंग की भी बात कही गई थी। इस मामले में सीएमओ डॉ. बलवीर सिंह ने बताया कि जांच टीम की संभावना पर बतौर ईएनटी विशेषज्ञ उन्होंने देखा तो बच्चे में तुतने की समस्या मिली।
लेकिन एम खान अस्पताल की डायग्नोसिस रिपोर्ट की माने तो उसमें टंग टाई की प्रॉब्लम की जबाय फाइमोसिस की प्राब्लम इंटर है। हद तो तब हो गई जब फाइमोसिस के प्राब्लम की इलाज के लिए सूक्ष्म शल्य क्रिया यानी खतना के लिए बच्चे के परिवार वालों से 12 सौ रुपये फीस ली गई। जबकि टंग टाई की प्रॉब्लम के ऑपरेशन की फीस 6 हजार रुपये होती है। बड़ी बात यह है कि डायग्नोसिस पर बच्चे के परिवार वालों के सिग्नेचर भी हैं।
सिग्नेचर होने की वजह से जांच टीम फाइनल रिपोर्ट तैयार करते वक्त कन्फ्यूजन हो रहा है कि परिजन टंग टाई के प्राब्लम की बात कह रहे हैं, लेकिन इसका लिखित प्रमाण उनके पास नहीं है। जबकि मेडिकल रिपोर्ट में फाइमोसिस के इलाज की वजह से ऑपरेशन की बात लिखी है। सीएमओ का कहना है कि सभी पक्षों के बयान, डॉक्क्यूमेंट आदि की जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार की जा रही है। गुरुवार को उच्चाधिकारियों के सामने रखा जाएगा। जिसके बाद रिपोर्ट शासन को भेजेंगे।