उत्तर प्रदेश की उन्नाव लोकसभा सीट पर साक्षी महाराज 2014 मोदी लहर में पहली बार उन्नाव से सांसद चुने गए थे। 2014 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के अरुण शंकर शुक्ला को 3 लाख 10 हजार 173 वोटों के अंतर से हराया था। वहीं 1019 में साक्षी महाराज अरुण शंकर शुक्ला के खिलाफ ही 4 लाख 956 वोटों से जीते थे।
उन्नाव संसदीय सीट के इतिहास की बात करें तो आजादी के बाद से 2019 तक 16 बार लोकसभा चुनाव और एक बार उपचुनाव हुए हैं। इनमें से 9 बार कांग्रेस चुनाव जीतने में सफल रही, तो चार बार बीजेपी को जीत मिली है। सपा, बसपा और जनता पार्टी एक-एक बार जीतने में कामयाब रही है।
गंगा और सई नदी के बीच पड़ने वाले उन्नाव संसदीय क्षेत्र की पहचान कलम और तलवार के धनी जनपद के रूप में होती है। पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और शहीदे आजम चंद्रशेखर, हसरत मोहानी जैसे आजादी के दीवानों ने उन्नाव को अलग पहचान दिलाई है।
2014 में सांसद साक्षी महराज ने कांग्रेस से सीट छीनकर भाजपा के पाले में की थी। इसके बाद वे 2019 में दोबारा सांसद बने। बांगरमऊ के विधायक कुलदीप सिंह दुष्कर्म के मामले में आरोपित हैं और जेल भेजे गए हैं।
यह शहर अपने चमड़े, मच्छरदानी, जरदोजी और रासायनिक उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है। उन्नाव अपने समोसे कचौड़ी गली चाट छोटा चौराहा में मुन्ना की चाट पाव भाजी और काला जामुन के लिए जाना जाता है। पक्षी व्याख्या केंद्र, नवाबगंज बर्ड सेंचुरी, नवाबगंज लेक यहां के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। जवाहर नवोदया विद्यालय, सरस्वती विद्या मंदिर, राम कुमार दीक्षित इंटर कॉलेज, गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज यहां के कुछ बेस्ट कॉलेज में से हैं। दिल्ली से उन्नाव की दूरी 252.7 किलोमीटर है।
साक्षी महाराज का जन्म 12 जनवरी 1956 को साक्षी धाम जलीलपुर जिले में हुआ था। उनका संबंध भारतीय जनता पार्टी से है और वे 2014 से उन्नाव लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार उन्नाव से भाजपा के तरफ से टिकट दिए जाने के बाद यदि वे विजयी होते हैं तो ये उनका तीसरा कार्यकाल होगा। शिक्षा के रूप में उन्होंने डॉक्टरी की उपाधि ली है। इन्होंने 1991 मथुरा सा भाजपा की ओर से चुनाव लड़ने का साथ अपने राजनीतिक करियर को आरंभ किया था।
अगर बात उत्तर प्रदेश की करें तो यहां सात चरणों में लोकसभा चुनाव की पूरी प्रक्रिया संपन्न होगी। जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़े इस राज्य में 80 लोकसभा सीटें हैं, जोकि देश में किसी भी राज्य में सबसे ज्यादा हैं। इसीलिए ऐसा कहा जाता है कि केंद्र की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और औद्योगिक नगरी कानपुर से सटे उन्नाव लोकसभा सीट की अपनी ही राजनीतिक खासियत है। उन्नाव लोकसभा सीट पर 2011 के जनगणना के मुताबिक कुल जनसंख्या 31,08,367 है जिसमें 82.9 फीसदी ग्रामीण और 17.1 फीसदी आबादी शहरी है। इस सीट पर अनुसूचित जाति की आबादी 30.52 फीसदी है।
उन्नाव लोकसभा सीट के तहत छह विधानसभा सीटें मोहान, उन्नाव, बांगरमऊ, सफीपुर, भगवंतनगर और पुरवा विधानसभा सीटें आती हैं। सफीपुर और मोहान सीट विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। एक समय ये क्षेत्र कांग्रेस का मजबूत दुर्ग हुआ करते थे, लेकिन 90 के दशक के शुरुआत में बीजेपी न सिर्फ इस क्षेत्र में बल्कि पूरे राज्य में अपनी जगह पकड़ मजबूत करती चली गई है। वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में भारतीय जनता पार्टी ने साक्षी महाराज को उतारकर यहां से कमल खिलाने में कामयाब रही थी।
2019 में भाजपा के स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी ने लोकसभा 2019 के उन्नाव पर अपना दूसरी बार तिलक किया। उन्हें 2019 में 703507 वोट प्राप्त हुए थे और उनके वोट प्रतिशत 56 प्रतिशत रहा था। यहां से पुरुष मतदाता 1201635, महिला मतदाता 989733 और कुल मतदाता 2191465 हैं। वहीं दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के नेता अरुण शंकर शुक्ला को 302551 वोट मिले थे।
2019 उन्नाव लोकसभा सीट पर 9 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन मुख्य मुकाबला स्वामी साक्षी महाराज का समाजवादी पार्टी के अरुण शंकर शुक्ला और कांग्रेस की अन्नू टंडन के बीच था। बीजेपी के स्वामी साक्षी महाराज ने इस चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज की। उन्हें 7 लाख 03 हजार 507 वोट मिले. वहीं सपा के अन्ना महराज को 3 लाख 02 हजार 551 वोट मिले और कांग्रेस की अन्नू टंडन को 1 लाख 85 हजार 634 वोट मिले थे।
चुनाव में उन्नाव लोकसभा सीट पर 53 फीसदी वोटिंग हुई थी। वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्नाव संसदीय सीट पर 55.52 फीसदी मतदान हुआ था। बीजेपी उम्मीदवार साक्षी महाराज ने सपा के अरुण शुक्ला को करीब 3 लाख मतों से मात देकर जीत हासिल की थी। साक्षी को 5 लाख 18 हजार 834 वोट और अरुण शुक्ला को 2 लाख 08 हजार 661 वोट मिले थे। जबकि चौथे स्थान पर रहने वाले बसपा के बृजेश पाठक को कुल 2 लाख 176 वोट मिले।