BSP News: आम चुनाव में आकाश आनंद को मायावती ने अनमैच्योर कहकर उनको दिए गए सभी पद वापस ले लिए थे। फिर 47 दिन बाद उन्हें बसपा सुप्रीमों ने एक बार फिर अपना उत्तराधिकारी सहित कई और कार्य सौंप दिए। जिसपर सवाल भी उठा कि आकाश आनंद मात्र 47 दिन में मैच्योर कैसे हो गए? फिलहाल आम चुनाव के मद्देनजर बरेली, झांसी और सहारनपुर आदि जिलों से जिन पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था उन्हें भी आकाश आनंद के तर्ज पर पार्टी में वापस लाने के कवायद तेज हो गई है और जल्द ही वे पार्टी में वापसी कर सकते हैं।
बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर और सुप्रीमों मायावती के उत्तराधिकारी पद की जिम्मेदारी वापस मिलने के बाद आकाश आनंद के लिए चुनौतियां और बढ़ गई हैं। आम चुनाव के समय आकाश आनंद से पार्टी से संबंधित सभी जिम्मेदारियां वापस ले ली गई थी पर इस निर्णय के बाद पार्टी और मायावती पर दबाव हद से ज्यादा बढ़ता जा रहा था ऐसे में आकाश आनंद को फिरसे पार्टी का कार्यभार संभालने के लिए बुलाया गया। इसी के साथ अब आनंद तो देश में संगठन के विस्तार की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जो कि उनके लिए एक बड़ी चुनौती है।
सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश को छोड़कर शेष अन्य राज्यों के कोऑर्डिनेटर अब सीधे आकाश आनंद से संपर्क करेंगे। उन्हें राज्यों में कैडर कैंप के माध्यम से पार्टी का जनाधार बढ़ाने का निर्देश भी मिला है। और साथ ही, पार्टी के पुराने नेताओं को वापस घर वापसी भी करवानी है। बीते एक दशक में बसपा छोड़कर गए नेताओं की वापसी पार्टी में नहीं हो पाई है। इनमें बसपा के मिशन को आगे ले जाने वाले पूर्व राष्ट्रीय महासचिव जयप्रकाश जैसे तमाम दिग्गज नेता और दलित शुभ चिंतक शामिल हैं। बता दें कि आकाश के साथ जयप्रकाश की वापसी की भी बसपा समर्थक लगातार मांग कर रहे थे।
वहीं, दूसरी ओर बसपा के कई पुराने नेता भी पार्टी से कन्नी काट चुके हैं, जिन्हें दोबारा साथ लाने की जिम्मेदारी भी मायावती ने आकाश को सौंप दी है। वहीं आम चुनाव के दौरान बरेली, झांसी, सहारनपुर आदि जिलों के जिन पदाधिकारियों को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया था, उनकी भी आकाश की तर्ज पर जल्द वापसी होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
मायावती द्वारा आकाश आनंद को दोबारा सारी जिम्मेदारी देने के बाद आकाश ने उनका आभार व्यक्त किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर जारी अपने बयान में आकाश ने कहा कि, “बहुजन समाज के उत्थान के लिए सर्वस्व त्याग करने वाली, बाबा साहब के मिशन के लिए समर्पित, करोड़ों दलित बच्चों के सपनों को साकार करने वाली बहुजन समाज की प्रेरणास्रोत मायावती का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। उन्होंने अहम जिम्मेदारी दी है, उसे पूरे जी-जान से निभाना है।”
वहीं दूसरी ओर बसपा में हुए अहम बदलावों के बाद आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने एक खबरिया चैनल से बातचीत में कहा कि बसपा के लिए अब यूपी में उपचुनाव लड़ना मजबूरी हो गया है। बसपा उपचुनाव नहीं लड़ती है। पर, इस बार सारी सीटों पर उनको अपने प्रत्याशी उतारने पड़ेंगे।
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