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VNS News: पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट को जोड़ने वाली सड़क की हुई दुर्दशा, भोजूबीर मार्ग बना जलभराव का केंद्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में वाराणसी से सांसद बनने के बाद अपने ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक, ट्रेड फैसिलिटी सेंटर (टीएफसी), जिसे पंडित दीनदयाल हस्तकला संकुल के नाम से जाना जाता है, की आधारशिला रखी थी। मात्र दो वर्षों में इस संकुल का उद्घाटन भी हो गया। यह केंद्र भोजूबीर, चांदमारी और बड़ा लालपुर के रास्ते से जुड़ा हुआ है। संकुल के निर्माण के साथ ही भोजूबीर-सिंधोरा मार्ग को भी नया रूप दिया गया था।

लेकिन समय के साथ यह मार्ग बदहाली का शिकार हो गया। अब भोजूबीर से बड़ा लालपुर तक का सफर उबड़-खाबड़ सड़कों और जलभराव से होकर गुजरता है।

तालाब में तब्दील हुई सड़कें

हस्तकला संकुल से कुछ ही दूरी पर रामेश्वर महादेव इंटर कॉलेज के सामने लगभग 50 मीटर की सड़क पूरी तरह उखड़ चुकी है। इस सड़क पर सीवर का गंदा पानी भरा हुआ है। चार पहिया वाहन किसी तरह निकल जाते हैं, लेकिन दो पहिया वाहन अक्सर इस गड्ढे में गिर जाते हैं। पैदल चलने वालों को सीवर के गंदे पानी के बीच से गुजरने पर मजबूर होना पड़ता है।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान जल्दबाजी में बनाई गई नाली के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है। नाली निर्माण के समय स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई थी कि ऊंचा खाल होने के कारण नाली का पानी सड़क पर आएगा। लेकिन विभाग ने ध्यान नहीं दिया और अब सड़क पर सीवर का पानी बह रहा है।

वीआईपी मार्ग से हुआ किनारा

बता दें कि मिली स्थानीय जानकारी के अनुसार टीएफसी के निर्माण के बाद कुछ महीनों तक यह सड़क अच्छी स्थिति में थी, क्योंकि वीआईपी इसी मार्ग से गुजरते थे। लेकिन जैसे ही वीआईपी के लिए रिंग रोड का उपयोग शुरू हुआ, इस मार्ग पर ध्यान देना बंद कर दिया गया। अब यह मार्ग नारकीय स्थिति में है, जहां लोग दिनभर फिसलते और गिरते रहते हैं।

लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी

भोजूबीर से बड़ा लालपुर तक लगभग चार किलोमीटर की सड़क की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग और नगर निगम की है। जहां जलभराव की समस्या है, वहां सड़क की देखरेख का जिम्मा लोक निर्माण विभाग का है। स्थानीय नागरिक किशुन का कहना है कि यह लोक निर्माण विभाग में फैले भ्रष्टाचार का नतीजा है, जिसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है।

कभी था वीआईपी मार्ग

2019 में 19वें प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन के दौरान यह मार्ग वीआईपी आवागमन का मुख्य हिस्सा था। हस्तकला संकुल को जोड़ने वाली इस सड़क का चौड़ीकरण और मरम्मत करते हुए 52 करोड़ रुपये की लागत से इसे टू-लेन बनाया गया था। उस समय इस क्षेत्र को क्लासिक लैंप पोस्ट और अन्य सजावट से संवारा गया था। लेकिन पांच साल के भीतर ही इस सड़क की स्थिति इतनी खराब हो जाएगी, इसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी।

भोजूबीर मार्ग की यह दुर्दशा प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का परिणाम है। पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट से जुड़ा यह मार्ग कभी वाराणसी की शान हुआ करता था, लेकिन अब यह लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। जनता को उम्मीद है कि प्रशासन इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द करेगा।

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