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UP NEWS: नौकरशाहों के यहां लगा तोहफों का ढेर, दिवाली बस आने ही वाली है

दिवाली का इंतजार नौकरशाहों एवं उनकी पत्नियों को हमेशा रहता है क्योकि यह त्यौहार वर्ष में एक बार आता  है और वर्ष में एक ही बार साहब और मैडम के तोहफे एक ही बार आते है।

By: Priya Tomar  RNI News Network
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UP NEWS: नौकरशाहों के यहां लगा तोहफों का ढेर, दिवाली बस आने ही वाली है

UP NEWS: दिवाली का इंतजार नौकरशाहों एवं उनकी पत्नियों को हमेशा रहता है क्योकि यह त्यौहार वर्ष में एक बार आता  है और वर्ष में एक ही बार साहब और मैडम के तोहफे एक ही बार आते है। देने वाले तो बस देने का बहाना ढूंढते है देने वालो से साल भर तो नही लिया। लेकिन दिवाली के दिन गिफ्ट (मिठाई,ड्राई फ्रूट्स,सोने के सिक्कें,सोने के लक्ष्मी गणेश और मैडम के लिये सोने का हार एवं जेवरात) लेने में कोई हर्ज नही बहाना दिवाली का ही है।

उपहार तो लोग देते ही है लेकिन इस उपहार देने में कुछ भू माफिया,कुछ भ्रष्टाचारी,कुछ अपराधी एवं विभाग में ठेके करने वाले भ्रष्ट अधिकारी अपने उच्च अधिकारी को उपहार तो जरूर देंगे क्योकि साहब को यह दिखाना जरूरी है कि हम आपके निकटतम लोगों में है साहब लोगों को भी अच्छा लगता है मैडम भी खुश रहती है चलो उपहार आ ही रहा है।

यह एक बड़ा दिखावा एवं भ्रष्टाचार का कारण है कल लोकभवन,विधान भवन और बापू भवन  में मै  खब़रो को लेकर विभिन्न विभागों में अपनी यूपी की बात की टीम के साथ भ्रमण कर रहा था अपर मुख्य सचिव,प्रमुख सचिव एवं सचिवों के कमरे में उपहार देने वालो की होड़ लगी थी चपरासी साहब का उपहार संभालते संभालते हलकान हो रहे थे।

साहब लोग सबका उपहार स्वीकार कर रहे थे कुछ नौकरशाहों के कमरों में  कई दर्जन डिब्बों का ढेर लगा हुआ था साहब लोग भी मुस्कुराते हुये उपहार स्वीकार कर रहे थे उपहार देने वाले मन ही मन खुश हो रहे थे कि चलों साहब ने तो ले ही लिया मुस्कुरा कर तो मिले आगे के काम की लाइन क्लियर है यूपी की बात की टीम का रिपोर्टर चुपचाप सारा तमाशा देख रहा था ।

कई कमरों में गया रिपोर्टर को वही तमाशा देखने को मिला एक कमरे में जाने पर रिपोर्टर को कुछ ठेकेदार टाइप के लोग बैठे हुये नजर आये यूपी की बात की टीम को देखकर कहने लगे यहां कुछ भी नही मै कुछ नही लेता जो  नेता छाप ठेकेदार था  उसने कहा कि साहब बंगले पर ही शाम को मिल लूंगा मैडम से भी मुलाकात हो जाएगी नमस्ते कर लेंगे।

उपहार लेना और देना यह हजारों साल पुरानी परंपरा रही है लेकिन उपहार का लेना और देने का रुप बदल गया है। अगर आपने उपहार नही दिया तो साहब ने कहा तुम दिवाली पर आए नही मैडम तुम को याद कर रही थी बहुत नाराज है साहब की नाराजगी तो झेली जा सकती है लेकिन मैडम की नाराजगी कहर बनकर टूटेगी  आगे के जो काम होने है उसका रास्ता बंद है।

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