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Vishwanath Dham: नेमी दर्शनार्थियों के नाम पर फर्जीवाड़ा नहीं, अब विश्वनाथ धाम में ऐसे मिलेगा प्रवेश

Varanasi News: रेगुलर दर्शनार्थियों के साथ साहूलियत स्थापित करने के लिए काशी विश्वनाथ प्रशासन ने दर्शन के लिए नया निर्णय लिया है। ऐसा बताया जा रहा है कि इससे स्थानीय श्रद्धालुओं को काफी साहूलियत मिलेगी। इसी के साथ ही दुर्व्यवहार और गड़बड़ी की शिकायतों में भी कमी आएगी। जिसके लिए सभी नेमी दर्शनार्थियों के पास को रद्द किए जाने का प्रावधान है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Vishwanath Dham: नेमी दर्शनार्थियों के नाम पर फर्जीवाड़ा नहीं, अब विश्वनाथ धाम में ऐसे मिलेगा प्रवेश

Varanasi News: रेगुलर दर्शनार्थियों के साथ साहूलियत स्थापित करने के लिए काशी विश्वनाथ प्रशासन ने दर्शन के लिए नया निर्णय लिया है। ऐसा बताया जा रहा है कि इससे स्थानीय श्रद्धालुओं को काफी साहूलियत मिलेगी। इसी के साथ ही दुर्व्यवहार और गड़बड़ी की शिकायतों में भी कमी आएगी। जिसके लिए सभी नेमी दर्शनार्थियों के पास को रद्द किए जाने का प्रावधान है।

फर्जीवाड़े के खिलाफ काशी विश्वनाथ प्रशासन सख्त

वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में रेगुलर दर्शनार्थियों के नाम पर अब फर्जीवाड़ा नहीं चलने वाला है। काशी प्रशासन को लंबे समय से मिल रही शिकायतों और गड़बड़ियों पर नकेल कसने के लिए बहुत ही जल्द नेमी श्रद्धालुओं को पास को रद्द करने जा रहा है। वहीं, इसके स्थान पर आधार कार्ड के माध्यम से काशी विश्वनाथ मंदिर में नेमियों को प्रवेश दिया जाएगा।

लगातार मिल रही शिकायतों से प्रशासन पर पड़ रहा था भार

काशी विश्वनाथ मंदिर में नेमी दर्शनार्थियों की लगातार शिकायतें आ रही थीं। जिसमें दुर्व्यवहार से लेकर फर्जी नेमी पास जारी करने की शिकायतें भी बहुत आ रही थी। ऐसे में मंदिर प्रशासन ने लोगों के शिकायत के आधार पर नेमी श्रद्धालुओं की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करना शुरू कर दिया था।

200 फर्जी पास मिलने पर खुली प्रशासन की आंख

इस संदर्भ में मिली सूचना के मुताबिक मंदिर की तरफ से 4 हजार नेमी पास जारी किए थे। जिसमें से प्रतिदिन कम-से-कम 500 से 700 रेगुलर श्रद्धालु ही नियमित दर्शन और पूजन करने के लिए मंदिर आते हैं। जबकि सोमवार, प्रदोष, महाशिवरात्रि, सावन या किसी विशेष पर्व पर भक्तों की संख्या दोगुनी हो जाती है। काशी प्रशासन को यह शिकायत मिली थी कि 200 से अधिक ऐसे फर्जी पास बनाए गए हैं जो वाराणसी के स्थानीय निवासी है ही नहीं। इसमें तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हैदराबाद और पश्चिम बंगाल के निवासी शामिल थे।

बाबा विश्वनाथ का नियमित दर्शन करने वाले एक नेमी दर्शनार्थी ने कहा कि नेमी पास के नाम पर बहुत समय से बड़े स्तर पर धांधले-बाजी हो रही है। बाबा के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में बनारस और यूपी के बाहर के लोंगों ने जुगाड़ लगाकर पास बना रखा है। वहीं कुछ स्थानीय दुकानदारों और पुजारियों के पास भी नेमी पास मौजूद है। जिसके जरिये वह अपने यजमानों को दर्शन-पूजन करवाने का काम करते हैं।

अब आधार कार्ड से मिलेगा प्रवेश

काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने इस संदर्भ में कहा कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थानीय लोगों के दर्शन-पूजन के लिए अलग से द्वार की व्यवस्था शुरू होने के बाद, पास की व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। वहीं नेमियों से जुड़ी शिकायतें मिलने के बाद उन्होंने कहा कि इसकी नए सिरे से जांच की जा रही है।

वहीं काशी द्वार का ट्रायल सफल होने के साथ ही इसे नियमित रूप से लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए आपको बस सावन का इंतजार करना है। इसके बाद फिर आधार कार्ड या पहचानपत्र के जरिये काशी द्वार से काशीवासियों और नेमियों का प्रवेश प्रारंभ हो जाएगा।

नामियों से जुडे़ कुछ आंकड़े

  • काशी मंदिर न्यास ने जारी किए 4 हजार नेमी पास
  • रोज दर्शन के लिए आते हैं करीब 700 नेमी (भक्तों की संख्या विशेष पर्व पर दोगुने-तीगुनी हो जाती है)
  • नेमी दर्शनार्थी पुरुष- 1785
  • महिला दर्शनार्थी -1480
  • संन्यासी- 280
  • बुजुर्ग नेमी-170
  • दिव्यांग- 35
  • बाहरी नेमी- 250

(ये आंकड़े काशी विश्वनाथ नेमी भक्त मंडल के अनुसार है)

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