यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास की प्रॉपर्टी की कीमतों में जल्द ही इजाफा होने वाला है। इसमें आवासीय, वाणिज्यिक (कॉमर्शियल) और औद्योगिक (इंडस्ट्रियल) श्रेणी की जमीनों के दाम बढ़ाए जाएंगे। फरवरी में प्रस्तावित यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इस फैसले पर अंतिम मुहर लग सकती है।
यमुना प्राधिकरण 1 अप्रैल 2025 से जमीन की नई दरें लागू करने की योजना बना रहा है। इस बार सभी श्रेणी की जमीनों की कीमत 25 से 30 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी चल रही है।
प्राधिकरण पर 3,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (जेवर एयरपोर्ट) के तीसरे और चौथे चरण के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस योजना के तहत लगभग 40,000 किसानों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी, जो 14 गांवों में फैली हुई है।
किसानों को मुआवजे के रूप में 10,000 करोड़ रुपये देने की योजना बनाई गई है। मुआवजे की दरों में वृद्धि के चलते प्राधिकरण पर करीब 3,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आ गया है।
जमीन की बढ़ती मांग ने बढ़ाए दाम
नोएडा एयरपोर्ट के वाणिज्यिक संचालन से पहले ही यमुना सिटी में रियल एस्टेट बाजार में तेजी देखी जा रही है। यहां ग्रुप हाउसिंग, वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए जमीन की मांग लगातार बढ़ रही है।
विशेष रूप से, अमेरिका की एक बड़ी कंपनी ने “अमेरिकन सिटी” विकसित करने की योजना के तहत 100 एकड़ जमीन के लिए 32 करोड़ रुपये का भुगतान यमुना प्राधिकरण को कर दिया है। जमीन की बढ़ती मांग और मुआवजे की वित्तीय चुनौतियों को देखते हुए प्राधिकरण अब भूमि की कीमतों में वृद्धि करके अपने राजस्व को संतुलित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
पांच साल में 40% बढ़ी कीमतें, 2030 तक 50% और बढ़ने की संभावना
पिछले पांच वर्षों में इस क्षेत्र में जमीन की कीमतों में 40% की वृद्धि दर्ज की गई है। रियल एस्टेट विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2030 तक यहां की जमीनों के दाम 50% और बढ़ सकते हैं। इस मूल्य वृद्धि का मुख्य कारण नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, मेट्रो विस्तार, और थीम बेस्ड सिटी प्रोजेक्ट्स जैसे बड़े बुनियादी ढांचा (इन्फ्रास्ट्रक्चर) विकास हैं। इन परियोजनाओं के कारण यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में भूमि की मांग तेजी से बढ़ रही है।
यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में भूमि निवेश करने वालों के लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है। बढ़ते इन्फ्रास्ट्रक्चर, एयरपोर्ट विस्तार और बढ़ती मांग को देखते हुए यहां की प्रॉपर्टी की कीमतें आने वाले वर्षों में और ऊंचाई पर जा सकती हैं। प्राधिकरण की नई कीमतें लागू होने के बाद इस क्षेत्र में निवेश करना अधिक लाभदायक हो सकता है।