माघी पूर्णिमा के स्नान के बाद वाराणसी में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। गंगा घाटों पर उमड़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। घाटों पर अधिक भीड़ न जमा हो, इसे ध्यान में रखते हुए 15 फरवरी तक सभी आरती कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है। वाराणसी कमिश्नर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद घाट तुरंत खाली करें ताकि अन्य श्रद्धालु भी सुगमता से स्नान कर सकें।
पांच मुख्य मार्गों से हो रही एंट्री, ऑटोमेटिक काउंटिंग सिस्टम लागू
काशी विश्वनाथ धाम में गंगा द्वार, गेट नंबर-2, ढूंढीराज, गेट नंबर-4 और सरस्वती फाटक से श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है। हर गेट पर आधुनिक कैमरे लगाए गए हैं, जो श्रद्धालुओं की गिनती और ट्रैकिंग करने में मदद कर रहे हैं। एआई तकनीक के जरिए ऑटोमेटिक काउंटिंग हो रही है, जिससे भीड़ प्रबंधन आसान हो गया है।
दशाश्वमेध घाट पर श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़
दशाश्वमेध घाट पर भारी भीड़ उमड़ रही है। स्नान करने के बाद श्रद्धालु घाटों पर रुक रहे हैं, जिससे भीड़ लगातार बढ़ रही है। जल पुलिस लाउडस्पीकर के माध्यम से श्रद्धालुओं से घाट खाली करने की अपील कर रही है, ताकि अन्य श्रद्धालु भी गंगा स्नान कर सकें।
काशी विश्वनाथ धाम में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के कार्यकारी अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा के अनुसार, मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। 11 जनवरी से 11 फरवरी तक लगभग 1.40 करोड़ श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। आगामी महाशिवरात्रि (26 फरवरी) के मद्देनजर भी प्रशासन विशेष तैयारियां कर रहा है।
गलियों में भीड़ नियंत्रण के लिए डायवर्जन लागू
बसों की संख्या बढ़ाने के बावजूद भीड़ के आगे व्यवस्था कमजोर
प्रयागराज रूट पर सुबह से रात तक 320 बसें चलाई जा रही हैं, इसके अलावा 100 निजी बसें जगतपुर और हरहुआ से संचालित की जा रही हैं। फिर भी, बढ़ती भीड़ के चलते बसों की संख्या अपर्याप्त साबित हो रही है। इसके अलावा, गोरखपुर, लखनऊ, आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर और अयोध्या के लिए 200 बसों की व्यवस्था की गई है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन मुस्तैद
बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं को सख्त कर दिया है। अधिकारियों की टीमें लगातार मॉनिटरिंग कर रही हैं और भीड़ प्रबंधन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और दर्शन एवं स्नान के बाद जल्द से जल्द बाहर निकलें।