आम चुनाव 2024 में जिस सीट पर भाजपा को सबसे ज्यादा भरोसा था वह थी अयोध्या की सीट, लेकिन भाजपा के हाथ से ये सीट दूर निकल गई। हार क्यों हुई… इसपर लोगों की राय अलग-अलग है लेकिन इसकी सबसे बड़ा कारण लोगों की नाराजगी को बताया जा रहा है। ऐसे में यूपी सरकार पूरे एक्शन मोड में आ चुकी है। प्रशासन ने बीते 20 दिनों में 5 बड़े फैसले वापस ले लिए जिससे वहां के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता था।
ऐसे में अब प्रशासन द्वारा किए गए बदलाव के तहत अब पुराने मंदिरों को नहीं तोड़ा जाएगा। अयोध्या शहर में अब स्थानीय निवासियों की गाड़ियां बिना किसी रोक-टोक के चल सकेंगी। आपको बता दें कि पहले सिर्फ नेताओं और अधिकारियों की गाड़ियों को ही एंट्री करने की अनुमति प्रदान की गई थी। सीधा कहा जाए तो VIP कल्चर को खत्म कर दिया गया है। इन सब कार्यों को करके भाजपा चुनाव हुए डैमेड को कंट्रोल करने में लगी है और इसकी के साथ 2027 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी नजरें टिकी हुई है।
प्रशासन ने किए ये 5 बड़े बदलाव
1. एयरो सिटी पर लगी रोक।
2. अयोध्या जिले के वाहनों को अयोध्या धाम में एंट्री करने की छूट।
3. फ्लाई ओवर के प्रस्ताव को कैंसिल कर दिया गया।
4. विस्थापित दुकानदारों को 30 फीसद छूट देकर, बिना ब्याज दुकानों को आवंटित किया जाएगा।
5. 41 गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया इससे यहां मूलभूत सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
पूरा मामला समझते हैं…
1. एयरो सिटी के निर्माण पर 7 गांव के किसान कर रहे थे विरोध
अयोध्या में एयरो सिटी बनाने की जिम्मेदारी अयोध्या विकास प्राधिकरण के पास थी। आवासीय कॉलोनी के लिए करीब 150 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना था। जिसपर बीकापुर के 7 से 8 गांव के किसान इसका विरोध कर रहे थे। वहीं चुनाव में भाजपा की हार के बाद 20 जून को अयोध्या विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया।
2. फ्लाईओवर बनने पर लगी रोक, नहीं टूटेंगे पुराने मंदिर
अयोध्या में आवास विकास प्राधिकरण की तरफ से 264.26 करोड़ रुपए की कीमत से 6 किमी लंबा फ्लाई ओवर बनाए जाने का प्लान था। जिसमें अब बदलाव कर दिया गया है। लखनऊ में हुई बोर्ड की बैठक में इसके स्थान पर 3 नए अंडर पास बनाने का निर्णय हुआ है। इसके साथ-साथ नई आवासीय योजना में पुराने मंदिरों को भी अब नहीं तोड़ा जाएगा। इसके तहत अयोध्या विकास योजना में, अब आबादी वाले क्षेत्रों को भी छोड़ने का निर्णय लिया गया है।
3. जिन दुकानदारों को हटाया, उन्हें 30% छूट, बिना ब्याज दुकानों का आवंटन
राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ अयोध्या में सौंदर्यीकरण के लिए कई दुकानदारों को भी हटा दिया गया। वहीं 20 जून को विकास प्राधिकरण की बोर्ड की बैठक में यह फैसला हुआ कि इन दुकानों की लागत में 30% की कटौती की जाए। साथ ही राम-पथ और निर्माण में विस्थापित हुए 80 दुकानदारों को दुकान की चाबी सौंपी जाए। ऐसे में दुकानदारों को 20 साल की ब्याज मुक्त किस्त पर दुकानें आवंटित करने की घोषणा की गई। यह कार्य तेजी से चल रहा है और अभी जिन लोगों को दुकानों का आवंटन अभी नहीं हुआ है, ऐसे लोगों से प्रशासन संपर्क में है।
4. शहर में एंट्री कर सकेंगे अयोध्यावासी
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के करीब 6 महीने बाद अयोध्या के लोगों को प्रशासन से बड़ी राहत मिली है। अयोध्या के वाहनों ( UP-42) को शहर में प्रवेश करने से अब नहीं रोका जाएगा। यह निर्णय नगर निगम और पुलिस ने संयुक्त रूप से लिया है। रामनगरी में रहने वाले लोगों को बैरियर पॉइंट पर अपना पहचान पत्र दिखाना होगा। इससे पर्यटकों को भी नगर में प्रवेश में कुछ सहूलियत मिली है। साकेत पेट्रोल पंप से अब पर्यटक लता मंगेशकर चौक और नया घाट पर वाहन ले जा सकेंगे।
5. 41 गांव को डेवलप किया जाएगा
अयोध्या नगर निगम के तहत 41 गांव शामिल किए गए थे, मगर उन्हें डेवलप नहीं किया जा सका। ये सभी गांव 2020 में नगर निगम में शामिल हुए थे। 4 सालों में कुछ सड़कों को छोड़कर यहां कोई विकास नहीं हुआ था। ऐसे में लोकसभा चुनाव हारने के बाद अब इन गांवों को नगरीय गांव बनाने की कोशिशे तेज हो गई हैं। निगम इन गांवों की जल्द ही GIS सर्वे कराएगा। इसके साथ ही जल्द ही घर-घर शुद्ध जल पहुंचाने की भी शुरुआत प्रशासन कर देगा।