योगी सरकार इस वक्त ऐक्शन के मूड में है। डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक, कहीं से भी कोई गड़बड़ी का मामला सामने आने पर तत्काल कार्रवाई कर रहे हैं। एक ओर सीएम योगी पहले ही कह चुके हैं कि किसी भी काम का मानक जनता की संतुष्टी और उसके फीडबैक से तय होगा तो वहीं, दूसरी ओर कहीं न कहीं से लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला गाजियाबाद जिला अस्पताल से सामने आया है। जहां कुछ दवाएं तो अस्पताल के अंदर मिल रही हैं, लेकिन कुछ दवाएं बाहर की भी लिखी जा रही हैं।
यूपी की बात की टीम जब गाजियाबाद जिला अस्पताल पहुंची तो पता चला कि यहां कुछ दवाईयां बाहर की लिखी जा रही हैं। एक महिला ने तो घूस लेने का भी आरोप लगा दिया। महिला ने बताया कि ऑपरेशन के लिए दस हजार रुपए की घूस लिया गया। जब गरीब को बाहर की दवा और घूस देना पड़ता होगा तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह कितना परेशान होता होगा।
इस वक्त बारिश हो रही है, जिससे वायरल बिमारी फैल रही है। ऐसे में इलाज के लिए लोग सरकारी अस्पताल जा रहे हैं। गाजियाबाद जिला अस्पताल में लंबी लाइन देखने को मिल रही है। जब हमारी टीम वहां पहुंची तो महिलाएं दवाई लेकर लौट रहीं थी। उन्होंने बताया कि डॉक्टर ने खांसी का सिरप लिखा है। जो अस्पताल से नहीं मिला है। अस्पताल के मेडिकल स्टोर वालों ने बाहर से लेने के लिए कहा है।
सीएमएस ने कहा जो दवाईयां हमारे पास नहीं होती बाहर से लिख देते हैं
इस बारे में जब जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. मनोज कुमार चतुर्वेदी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कुछ दवाई जो हमारे पास मौजूद नहीं होती उन दवाइयों को हम बाहर से लिख देते हैं या आयुष्मान के मेडिकल से लेने के लिए बोलते हैं। जब उनसे अल्ट्रासाउंड को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि पूरे अस्पताल में एक ही डॉक्टर हैं, जिसकी वजह से मरीजों को एक-एक महीने का अल्ट्रासाउंड का टाइम मिलता है। अगर ऐसे में किसी मरीज को एमरजेंसी होती है तो उनका अल्ट्रासाउंड जल्दी कराने की कोशिश की जाती है।
घूस लेने के बारे में जब पूछा गया तो सीएमएस ने कहा कि जो डॉक्टर ऐसे मामलों में पकड़े जाते हैं, उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाती है। क्योंकि सरकार द्वारा ऐसे लोगों पर उच्च उचित कार्रवाई करने के आदेश हैं।
गाजियाबाद से संवाददाता नितिन कुमार की रिपोर्ट।