उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) के साथ मार्च 2021 में किए गए समझौते के तहत आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने का कार्य पूरा कर लिया है। इस समझौते में एयरपोर्ट के लिए सड़क कनेक्टिविटी, जल आपूर्ति, बिजली व्यवस्था और वेस्टेज पानी की निकासी जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जानी थीं। इनमें से अधिकांश कार्य सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं।
नोएडा एयरपोर्ट को नेशनल हाईवे से जोड़ने के लिए 750 मीटर लंबी आठ लेन की सड़क तैयार की गई है। यह सड़क नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा बनाई गई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी से इस सड़क के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) का इंतजार है।
एयरपोर्ट के प्रवेश बिंदु से टर्मिनल भवन तक जुड़ने वाली सड़क का निर्माण एयरपोर्ट कंपनी द्वारा किया जाएगा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के अधिकारी शैलेन्द्र भाटिया ने बताया कि सरकार ने 200 करोड़ रुपये की लागत से यह सड़क बनाई है।
एयरपोर्ट को जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए फलेदा खादर में 13 करोड़ रुपये की लागत से 4 एमएलडी क्षमता का हाइड्रो एक्सट्रैक्शन प्लांट बनाया गया है। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक और 4 एमएलडी क्षमता का प्लांट तैयार किया जा रहा है। ये दोनों प्लांट एयरपोर्ट के तीसरे चरण में 50 मिलियन यात्रियों की जल आपूर्ति आवश्यकताओं को पूरा करेंगे।
एयरपोर्ट की बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए सेक्टर 18 और सेक्टर 32 में दो सबस्टेशन नामित किए गए हैं। पहले चरण में, जहां 12 मिलियन यात्रियों की क्षमता होगी, 19 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होगी। चौथे चरण तक, जब एयरपोर्ट की क्षमता 70 मिलियन यात्रियों तक बढ़ जाएगी, बिजली की मांग 204 मेगावाट तक पहुंच सकती है।
शैलेन्द्र भाटिया ने बताया कि अकेले सेक्टर 32 सबस्टेशन एयरपोर्ट की मौजूदा और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि कामर्शियल उड़ानों की शुरुआत से पहले सभी आंतरिक इंफ्रास्ट्रक्चर का काम पूरा कर लिया जाएगा।
नोएडा एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार ने समयबद्ध तरीके से इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया है। इससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और सुविधाओं में बड़ा सुधार हुआ है। यह एयरपोर्ट भविष्य में यात्रियों की बढ़ती संख्या को आसानी से संभालने के लिए पूरी तरह तैयार है।