मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (MD) से पीड़ित मरीजों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इन मरीजों के इलाज और देखभाल में सुधार के लिए समिति के गठन का निर्देश दिया है।
सरकार इस बीमारी से पीड़ित लोगों को मुफ्त और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो प्रगतिशील मांसपेशियों की कमजोरी का कारण बनती है।
डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के मार्गदर्शन में, समिति एमडी रोगियों की सहायता करने के लिए प्रभावी तरीके खोजने और यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी कि उन्हें उचित चिकित्सा देखभाल मिले।
उपमुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार इस क्षेत्र में प्रगति करने और जरूरतमंद लोगों को आवश्यक उपचार प्रदान करने के लिए दृढ़ संकल्प है।
हाल ही में विधानसभा में आयोजित एक बैठक में उपमुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को एमडी रोगियों को उचित और गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए।
इन निर्देशों के आधार पर, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा ने इसकी देखरेख के लिए एक विशेष समिति का गठन किया।
नवगठित समिति का नेतृत्व चिकित्सा शिक्षा विभाग की सचिव अपर्णा यू कर रहीं हैं, जबकि चिकित्सा शिक्षा विभाग की विशेष सचिव कृतिका शर्मा सचिव के पद पर कार्यरत है।
समिति में केजीएमयू के कुलपति, आरएमएल अस्पताल के निदेशक, एसजीपीजीआई के निदेशक और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के एक प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
यह समिति राज्य में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के रोगियों को मुफ्त, उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए एक व्यापक ढांचा विकसित करने पर काम करेगी।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एमडी के साथ रहने वाले लोगों को उनकी ज़रूरत के अनुसार देखभाल और सहायता सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि इस पहल को अत्यंत तत्परता और समर्पण के साथ पूरा किया जाएगा।
This Post is written by Abhijeet Kumar yadav