लखनऊः उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अगले सप्ताह तक 749 डॉक्टरों की तैनाती होगी। इसमें 393 एमबीबीएस डॉक्टर और 356 स्पेशलिस्ट डॉक्टर शामिल हैं। इन सभी का चयन वॉक इन इंटरव्यू के जरिए किया गया है। प्रदेश में करीब 6000 से ज्यादा डॉक्टर के पद खाली हैं। इन पदों को भरने के लिए संविदा के आधार पर वॉक इन इंटरव्यू का आयोजन किया गया था। इस दौरान 3422 एमबीबीएस और 767 विशेषज्ञ चिकित्सकों ने इंटरव्यू के लिए आवेदन किया था। प्रदेश मुख्यालय पर आठ से 18 सितंबर के बीच हुए साक्षात्कार के बाद 749 डॉक्टर के चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया गया है। इन सभी को सप्ताह भर के अंदर कार्यभार ग्रहण करने के लिए कहा गया है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि इन डॉक्टरों के चयन से मरीजों को काफी राहत मिलेगी। जिन अस्पतालों में डॉक्टरों की ज्यादा कमी है वहां प्राथमिकता के आधार पर उनकी नियुक्ति की गई है।
विशेषज्ञ डॉक्टर्स का हुआ चयन
विभिन्न अस्पतालों के लिए चयन किए गए विशेषज्ञ डॉक्टर में सर्वाधिक 84 हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं। इनके जरिए प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर बने ट्रामा सेंटरों को नए सिरे से चलने का प्रयास किया जाएगा। इसी तरह 55 सर्जन और 59 महिला रोग विशेषज्ञ चुनी गई है। बाल रोग विशेषज्ञ 32, पैथोलॉजिस्ट 26, नेत्र रोग विशेषज्ञ 17, नाक कान गला विशेषज्ञ 22, फिजिशियन 16 चयन किए गए हैं। जबकि रेडियोलॉजिस्ट चर्म रोग विशेषज्ञ, मूत्र रोग विशेषज्ञ एक एक ही मिले हैं। अन्य विधाओं में दो से तीन डॉक्टरों का चयन हुआ है।
किसको कितना मिलेगा मानदेय
संविदा के आधार पर चयनित होने वाले डॉक्टर में ए ग्रेड के शहर वालों को कम मानदेय और डी ग्रेड के शहर वालों को ज्यादा मानदेय देने की प्रणाली अपनाई गई है। चयन किए गए डॉक्टर में ए ग्रेड के शहर में तैनात होने वाले एमबीबीएस को 50000 और विशेषज्ञ को 80000, बी ग्रेड के शहर में तैनात होने वाले एमबीबीएस को 55000 विशेषज्ञ को 90000, सी ग्रेड के शहर में तैनात होने वाले एमबीबीएस को 60000 विशेषज्ञ को एक लाख और डी ग्रेड के शहर में तैनात होने वाले एमबीबीएस को 65000 और विशेषज्ञ को 120000 रुपए मानदेय दिया जाएगा।