Gonda Flood Update: उत्तर प्रदेश में मानसून के प्रकोप ने लोगों के जीवन को रोक-सा रखा है। भारी बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है, जिससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में रेस्क्यू टीम युद्ध स्तर पर बचाव कार्य अभियान चला रही है और बाढ़ में फंसे लोगों के सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है।
वहीं जलस्तर कम होने पर कुछ राहत आम लोगों को जरूर मिल सकती है पर ध्यान रहे अभी तो केवल मानसून की शुरुआत है और पूरा सीजन बारिश का अभी बाकि है। पर सिंचाई विभाग अपनी नाकामी कब मानेगा और कब लोग राहत की सांस लेंगे ये तो फिलहाल वक्त ही बताएगा।
भारी बारिश के कारण गोंडा में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। ऐसे में तरबगंज और कर्नलगंज तहसील के करीब 15 गांव की लगभग एक हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। बेशक लोगों के आने-जाने के लिए करीब 55 नाव की व्यवस्था के साथ उनको राशन किट वितरित किया गया है लेकिन इसका हल कब मिलेगा इस पर सवाल कायम है।
बाढ़ को लेकर प्रशासन अलर्ट
गोंडा जिला प्रशासन लगातार बाढ़ ग्रस्त इलाकों से संपर्क बनाए हुए है और बाढ़ ग्रसित लोगों तक हर समभव मदद पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इस संदर्भ में जिला अधिकारी नेहा शर्मा ने कहा कि बाढ़ से संबंधित सभी तैयारियां पूरी हैं, जो आंशिक रूप से कुछ घर बाढ़ से प्रभावित हैं उनके संपर्क में लगातार जिला प्रशासन बना हुआ है।
राहत बचाव अभियान जारी
सर्वेक्षण कराकर बाढ़ में फंसे लोगों को उचित स्थान पर जाने को कहा गया है और जो बाढ़ से ग्रसित हैं उनको राशन किट दिया जा रहा है जिसके लिए नाव की व्यवस्था भी है। गौरतलब है कि गोंडा में तीन बैराजों से घाघरा नदी में लगभग 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे जनपद में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा। अभी घाघरा नदी एल्गिन चरसड़ी तटबंध पर खतरे के निशान से 53 सेंटीमीटर ऊपर ओवर-फ्लो है। बारिश के बाद इसके जलस्तर में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।