कानपुर में अडानी डिफेंस ग्रुप के डिफेंस कॉरिडोर की पहली यूनिट तैयार हो चुकी है। बता दें कि बीते 27 फरवरी को CM Yogi Adityanath ने इस कॉरिडोर का उद्घाटन किया था। इस उपलक्ष्य पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी वर्चुअली रूप से जुड़े। फैक्ट्री में अडाणी ग्रुप द्वारा 1500 करोड़ का निवेश किया गया है। जहाँ हल्के एयरक्राफ्ट, तोप, AK-47 बंदूक, कार्बाइन, पिस्टल, ड्रोन और स्नाइपर राइफल जैसे 41 हथियारों को निर्मित करेंगी। इन हथियारों को बनाने के लिए इजराइल की तकनीकी का इस्तेमाल हो रहा है|
अडानी का डिफेंस कॉरिडोर पूरे एशिया का सबसे बड़ा एम्यूनेशन कॉम्प्लेक्स कॉरिडोर है। अब इस स्थान से संसार में हथियारों और कारतूसों की सप्लाई भी किये जाने का प्लान है। वहीं इस कॉरिडोर के उद्घाटन के समय भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय भी मौजूद रहे जहाँ उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए दूसरे पर निर्भर नहीं हो सकते हैं। ऐसे में ऑपरेशनल तैयारियों के लिए यह जरूरी है कि हथियार और गोला-बारूद उत्पादन में देश की क्षमता में वृद्धि की जाए। फिलहाल भारत के पास हथियार और गोला-बारूद का स्टॉक बड़ा है। जहाँ 175 किस्म हैं और इनमें से 134 तरह के हथियार और गोला बारूद का स्वदेशीकरण पहले ही हो चुका है।
अडाणी डिफेंस के चेयरमैन और सीईओ आशीष राजवंशी ने इस संदर्भ में कहा है कि भारतीय सेना को हथियार की जितनी आवश्यकता है उसे हमारा ग्रुप ही बनाएगा। फर्स्ट फेज में छोटे वेपंस और कोरटेज बन रहे हैं। जबकि सेकेंड फेज में ज्यादा बड़े और इसके बाद थर्ड फेज में मिसाइल जैसे घाटक हथियार निर्मित होंगे। बता दें कि इस ग्रुप द्वारा आयुध और मिसाइलों के निर्माण के लिए दो मेगा प्लांट्स में उत्पादन कार्य होना प्रारंभ हो जाएगा।
यह देश में पहला अत्याधुनिक प्लांट्स है जो देश की रक्षा के लिए और आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपना योगदान देगा| यहाँ कम रेंज की मिसाइलें, हल्के एयरक्राफ्ट, तोप, एके-47, कार्बाइन, स्नाइपर रायफल समेत 41 हथियार बनाने का प्लान है और इन हथियारों को बनाने के लिए इजरायल की तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। सोमवार को दोपहर में CM कॉरिडोर में बनाए गए हैलीपैड में उतरे थे और यहां वे लगभग एक घंटे तक मौजूद रहे।