नई दिल्ली : ‘ लिहाफ’ (रज़ाई ) के मुद्रण और रंगाई के लिए जाना जाने वाले उन्नाव संसदीय सीट पर ओबीसी और मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका पर है. इसे बड़ी सबसे बड़ी लोकसभा सी भी कहा जाता है , साथ ही सर्वाधिक मतदाता भी इसी सीट पर हैं.
2024 के संसदीय चुनाव में उन्नाव सीट पर मुकाबला के त्रिकोणीय होने के चान्सेस
इस बार के चुनाव में उन्नाव लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है रहने की पूरी संभावना है साथ ही पुराने चेहरे इस सीट पर हावी होने की बात कही जा रही है। सपा बसपा गठबंधन होने के बाद बीजेपी के साक्षी महाराज की सीधी लड़ाई गठबंधन से है. वहीं कांग्रेस से अन्नू टंडन को भी कम नहीं आंका जा रहा है.उन्नाव लोकसभा सीट में छह विधानसभा सीटें आती है. बांगरमऊ, सफीपुर, उन्नाव, मोहान, भगवंत नगर, पुरवा विधानसभा सीटें आती हैं. सभी विधानसभा सीटें ग्रामीण क्षत्रों में आती है. जहां पर बड़ी संख्या में ओबीसी और मुस्लिम वोटर हैं.
सभी राजनीतिक दलों की नजरें इन्हीं वोटरों पर
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने साक्षी महाराज पर भरोसा जताया है. साक्षी महाराज ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की अन्नू टंडन को हराया था. वही कांग्रेस ने एक बार फिर अन्नू टंडन को मैदान में उतारा है. अन्नू टंडन उन्नाव की सांसद रह चुकी हैं और उन्नाव में उनकी जबर्दस्त पकड़ है. 2014 के लोकसभा चुनाव में अन्नू टंडन मोदी लहर में हार गई थीं. सपा-बसपा गठबंधन होने के बाद उन्नाव लोकसभा सीट सपा के खाते में गई थी. सपा ने अरुण शंकर शुक्ला को कैंडिडेट बनाया है. अरुण शुक्ला सपा के कद्दावर नेता हैं और सपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.
बीजेपी से साक्षी महाराज उतरे जो बयानों के कारण रहते हैं सुर्ख़ियों में
बीजेपी के साक्षी महाराज अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहते है. कई बार तो उन्होंने अपने बयानों से बीजेपी की मुश्किलें भी बढ़ाई हैं. इसके बाद भी बीजेपी ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में साक्षी महाराज ने कांग्रेस की अन्नू टंडन को 3,21,736 वोटों से हराया था. साक्षी महाराज क्षत्रिय और सवर्ण वोटरों में अच्छी पकड़ है.
सपा से अरुण शंकर शुक्ला को प्रत्याशी बनाकर सपा ने खेला ब्राह्मण कार्ड
सपा ने अरुण शंकर शुक्ला को उन्नाव से प्रत्याशी बनाकर ब्राह्मण कार्ड खेला है. सपा बसपा गठबंधन ने अरुण शंकर शुक्ला को प्रत्याशी बनाकर बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है. अरुण शंकर को सवर्णों का नेता माना जाता है. अरुण शंकर सवर्ण, एससी और ओबीसी वोटर भी समर्थन करता है. अरुण शंकर 2009 में बसपा से उन्नाव लोकसभा चुनाव लड़े थे लेकिन वो हार गए थे.
वहीं , कांग्रेस से अन्नू टंडन मैदान में
उन्नाव लोकसभा सीट यूपी ईस्ट प्रभारी प्रियंका गांधी के खाते में है. अन्नू टंडन 2009 में उन्नाव की सांसद बनी थी. अन्नू टंडन उन्नाव की लोकप्रिय नेता मानी जाती हैं. इसके साथ ही गरीब परिवारों की मदद करने की वजह से वो अक्सर चर्चा में रहती हैं.
एक नजर 2014 के लोकसभा चुनाव का परिणाम पर भी
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साक्षी महाराज 5,18,834 वोट मिले थे. उन्नाव में साक्षी महाराज ने सबसे जीत दर्ज की थी. वहीँ दूसरे नंबर पर सपा के अरुण शंकर शुक्ला उर्फ़ अन्ना महाराज थे जिन्हें 2,08,661 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर बसपा के ब्रजेश पाठक रहे थे जिन्हें 2,00,176 वोट मिले थे. चौथे नंबर पर कांग्रेस की अन्नू टंडन थी जिन्हें 1,97,098 वोट मिले थे.