नई दिल्ली : कौशांबी, प्रयागराज और प्रतापगढ़ की चार लोकसभा सीटों पर पांचवें और छठे चरण में क्रमशः 20 और 25 मई को मतदान होना है। चुनावी अखाड़ा सजा हुआ है। सियासत के महाबलियों के नामों की घोषणा हो चुकी है। सरपंच के रूप में जनता भी इन योद्धाओं के दांवपेच पर बारीकी से निगाह गड़ाए हुए है। चुनावी शोर के बीच मुकाबला पूरी -पूरी रोचक होने की उम्मीद है।
इसकी वजह यह है कि पुराने धुरंधरों के सामने इस बार नए सूरमा अपनी ताकत आजमाने मैदान में उतरे हैं। राजनीति में भले ही ये नए हैं, लेकिन पार्टी के परंपरागत वोट और युवा वर्ग के समर्थन से उस्तादों को पछाड़ने का दावा कर रहे हैं। प्रयागराज-कौशांबी और प्रतापगढ़ क्षेत्र की चार संसदीय सीटों पर प्रमुख 12 में से ऐसे 10 प्रत्याशी हैं, जो पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं
प्रतापगढ़: युवा प्रथमेश के लिए नई सीख होगा यह चुनावी रण
प्रतापगढ़ लोकसभा के भाजपा प्रत्याशी सांसद संगम लाल गुप्ता लोकसभा चुनाव में दूसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 2019 के चुनाव में वह पहली बार सांसद बने थे। 2017 में पहली बार सदर विधानसभा से विधायक चुने गए। 52 वर्षीय संगम की समाज में पकड़ है। पूर्व एमएलसी आइएनडीआइए के सपा प्रत्याशी डा. एसपी सिंह पटेल पहली बार लोकसभा के चुनाव मैदान में हैं। डा पटेल पूर्व एमएलसी हैं। शिक्षकों के मुद्दों पर सक्रिय रहते हैं।
वनस्पति विज्ञान से एमएससी पास सपा प्रत्याशी डा पटेल प्रतापगढ़ में वोटों का गणित लगा रहे हैं
वनस्पति विज्ञान से एमएससी पास सपा प्रत्याशी डा पटेल प्रतापगढ़ में वोटों का गणित लगा रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे 33 वर्षीय प्रथमेश मिश्र सेनानी लखनऊ विश्वविद्यालय से बीए व डा राम मनोहर लोहिया अवध विवि से एलएलबी करने के बाद से सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे हैं।
प्रथमेश पहली बार चुनाव मैदान में हैं लेकिन उन्होंने बचपन से घर में चुनाव का माहौल देखा है। राजनीति उनकी नसों में है। मौजूदा समय में प्रथमेश के पिता शिव कुमार मिश्र सेनानी और मां सिंधुजा मिश्र सेनानी भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं। फिलहाल उनकी नजर बसपा के वोटों के साथ ब्राह्मण वोट बैंक पर भी है।
आएं डालते हैं यहां के मतदाताओं के इक्वेशन पर एक नजर
तो यहां कुल मतदाता 24,92,446
पुरुष मतदाता 13,20,147
महिला मतदाता 11,72,178
इलाहाबाद: जहां होगी नए दिग्गजों पर विरासत बचाने की चुनौती
दो प्रधानमंत्री देने वाली संसदीय सीट इलाहाबाद से इस बार देश की सबसे बड़ी पंचायत में कौन जाएगा। इसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चा गर्म है। यहां से हाईकोर्ट में अधिवक्ता नीरज त्रिपाठी सक्रिय राजनीति की शुरूआत सीधे भाजपा से लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर कर रहे हैं। नीरज राजनीति में भले ही सक्रिय भूमिका में न रहे हों, लेकिन पिता केशरीनाथ त्रिपाठी के कई चुनावों में उन्होंने पर्दे के पीछे से काम किया है। घर में होने वाली पार्टी की रणनीतिक बैठकों को करीब से देखा और समझा है। लिहाजा राजनीति उनके रग-रग में समाई है।