UP NEWS: यूपी की राजनीतिक गलियारों मे उपचुनावों को लेकर तैयारियां जोरो- शोरों से चल रही है। लोकसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम न आने और विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव की तैयारियों को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रभारी मंत्रियों के जिलों में फेरबदल कर दिया है।
इस दौरान अधिकतर जिलों के मंत्रियों के प्रभार बदले गए हैं। केवल पीलीभीत और मिर्जापुर के प्रभार में कोई बदलाव नहीं किया गया है।सीएम ने, दोनों उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत 25-25 जिलों की समीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रभारी मंत्रियों के प्रभार में हर चार महीने में रोटेशन के आधार पर बदलाव किया जाएगा। इसलिए सीएम ने अन्य मंत्रीमंडल के साथ मिलकर बैठक की।
प्रत्येक माह कार्यकाल की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाए: सीएम
दरअसल, योगी ने सभी मंत्रियों को महीने में एक बार जरूर 24 घंटे प्रभार वाले जिलों में प्रवास करने के निर्देश दिए। इसके साथ-साथ प्रत्येक महीने कोर कमेटी से चर्चा करके शासन में संबंधित विभाग की विस्तृत रिपोर्ट तैयार को सीएम कार्यालय के सामने पेश करने के भी निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से सरकार और संगठन द्वारा बदलाव के कयास लगाए जा रहे थे।इस दौरान संगठन स्तर पर तो कोई खास कदम नहीं उठाए गए, लेकिन सरकार ने पहली बार बड़ा फैसला करते हुए मंत्रियों के प्रभार में बदलाव कर दिए है, और कार्य उन्हें जमीनी स्तर पर करने को कहा गया।
मंत्रियों को दो-दो जिलों का प्रभार सौंपा गया
इस बदलाव के दौरान 18 में से 12 कैबिनेट मंत्रियों और स्वतंत्र प्रभार वाले 14 में से 12 मंत्रियों को दो-दो जिलों का प्रभार दिया गया। इसी के साथ शेष मंत्रियों को एक-एक जिला सौंपा गया है।
दो जिलों पीलीभीत के प्रभारी मंत्री बलदेव औलख और मिर्जापुर के नंद गोपाल नंदी ही प्रभारी रहेंगे क्योंकि इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया। इस बैठक में दोनों डिप्टी सीएम के अलावा सभी मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल इत्यादि मंत्री शामिल हुए।