UP NEWS: सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रचीन गुरुकुल पद्धति को पुन: जीवित करने के लिए प्रदेश में संस्थाओं को निर्देश दिए। इस दौरान उन्होने कहा कि संस्कृत विज्ञान की भाषा है, जो कंप्यूटर साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों में उपयोगी है।
लेकिन संस्कृत की विशेषताएं इसे तकनीकी शिक्षा को और भी अधिक सरल और सहज बनाती हैं। इसीलिए हम संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन करने के लिए नए प्रयासों की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
इसके गुरुकुल शिक्षा के माध्यम से प्रदेश भर में गुरुकुल पद्धति के विद्यालयों को फिर शुरू करने के लिए सीएम द्वारा निर्देश दिए गए। जिसके बाद इसे लेकर तैयारियां शुरु कर दी गई है। वहीं दूसरी ओर निशुल्क भोजन-छात्रावास की व्यवस्था कराने वाले मठ-मंदिर और आश्रमों को पूर्ण रुप से अनुदान भी दिया जाएगा। इसके साथ ही शोध करने वालों को तीन साल तक छात्रवृत्ति दी जाएगी।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में दीक्षांत मंडप में प्रदेश के संस्कृत के 69,195 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने की घोषणा की गई। इस दौरान संस्कृत छात्रवृत्ति वितरण समारोह में मुख्यमंत्री द्वारा गुरुकुल संस्थानों को अतिरिक्त अन्य सुविधाएं देने की भी घोषणा की गई। वहीं ऐसे संस्थानों को अच्छे आचार्यों की नियुक्ति करने की स्वतंत्रता दी जाएगी। जहां एक ओर निशुल्क भोजन-छात्रावास की व्यवस्था कराने वाले मठ को मान्यता दी जाएगी। वहीं मंदिर और आश्रमों को संस्कृत विद्यालय की मान्यता देने में अनुदान भी मिलेगा।