UP NEWS: उत्तर प्रदेश में शुरू हुए बुलडोजर एक्शन को लेकर देशभर में चर्चा चल रही है। इस दौरान राजनीतिक बयानबाजी भी होती रहती है। लकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को लेकर फैसला सुनाया है।
दरअसल, कोर्ट ने इस मामले को लेकर सभी राज्यों को सख्त निर्देश दिए है। वहीं न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ में यह फैसला सुनाया गया कि सिर्फ आरोपी होने पर घर नहीं गिराया जा सकता, बिना मुकदमा किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। किसी भी व्यक्ति का आश्रय मौलिक अधिकारों मे शामिल होता है। इसलिए आश्रय को खंडित करना गैर कानूनी है। वहीं दूसरी अगर अवैध तरीके से घर तोड़ा जाए तो उसके बदले मुआवजा भी दिया जाना चाहिए।
2017 में जब से योगी आदित्यनाथ ने सीएम पद की कमान संभाली है ,तब से राज्य में आरोपी और दोषी व्यक्ति के खिलाफ बुलडोजर एक्शन की शुरुआत हुई थी। लेकिन धीरे-धीरे बुलडोजर ही योगी बाबा का ट्रेंड मार्क बन गया। और देश भर मे सीएम की पहचान बुलडोजर बाबा के नाम से होने लगी।
रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के मुताबिक 2017 से 2024 यानी की अभी तक पूरे देशभर में 1900 से ज्यादा बुलडोजर की कार्रवाई की जा चुकी है। जिनमें से सबसे ज्यादा बुलडोजर की कार्रवाई यूपी में की गई है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछले 7 साल में बुलडोजर की करीब 1500 कार्रवाई हुई है।
आपको बता दें कि बुलडोजर एक्शन की सबसे पहली शुरुआत 3 अप्रैल, 2021को हुई थी। जहां प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक ही दिन में 124 अवैध निर्माणों को बुलडोजर द्वारा ध्वस्त कर दिया गया।
वहीं बात करें हम लोगों द्वारा सरकारी भूमि पर कब्जा करने की तो 17 जुलाई, 2021 को बुलडोजर द्वारा विभिन्न शहरों में 87 अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया, इसका परिणाम यह निकला की 15 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि पर कब्जे के कारण यह फैसला लिया गया।
इसके साथ ही 5 सितंबर, 2021 को सार्वजनिक सड़कों और सरकारी जमीनों के भूखंडों को साफ करने के लिए ध्यान बुलडोज़र द्वारा 176 अवैध संरचनाओं को तोड़ गया।
22 नवंबर, 2021यह एक्शन एक सप्ताह तक चला जहां पर 312 अवैध इमारतों को बुलडोजर द्वारा ध्वस्त कर दिया। अतिक्रमण को कम करने के लिए 12 जनवरी, 2022 में उत्तर प्रदेश सरकार ने बुलडोजर अभियान के तहत 59 अवैध बस्तियों पर निशाना साधते हुए। लगभग 25 एकड़ भूमि को पुन प्राप्त किया गया।
आपको बता दें कि यूपी में बुलडोजर एक्शन की शुरुआत कानपुर में हुए ‘बिकरू कांड’ के बाद हुई है। क्योंकि जब गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गैंग के लोगों ने 8 पुलिसकर्मियों द्वारा बेरहमी से उनकी हत्या की गई। तब प्रशासन द्वारा सबसे पहले विकास दुबे के घर पर बुलडोजर चलवाया था। और तब से ही प्रदेशभर में बुलडोजर की एंट्री हुई। लेकिन इसके बाद तो यह बुलडोजर माफियाओं, गुंडों और भू माफियाओं के लिए एक बड़ा हथियार बन गया था।
दो जुलाई 2020 को बिकरू में कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने हमला कर दिया था। इस हमले में तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी बलिदान हो गए थे। बिकरू कांड के दूसरे दिन तक हुए घटनाक्रम में पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज किए थे। इसके बाद पुलिस ने विकास दुबे समेत छह आरोपितों को अलग-अलग मुठभेड़ में ढेर कर दिया।