UP NEWS: उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग, मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण को लेकर सतर्क हो गया है। मंकीपॉक्स बीमारी को लेकर स्वास्थ विभाग ने सभी जिले के डीएम और सीएमओ को निर्देश जारी किए हैं।
इस दौरान उन्होने कहा कि मंकी पॉक्स से पीड़ित अगर कोई व्यक्ति मिलता है तो कोविड की तरह ही अन्य गतिविधियां चलाई जाएगी।
इसके साथ ही रोगी के संपर्क में आए हुए व्यक्तियों की एक पूरी सूची तैयार करके उसको जिला और राज्य स्तरीय सर्विलांस इकाइयों को उपलब्ध कराया जाएगा , जिससे कि आगे की कार्रवाई तुरंत की जा सके।
स्वास्थ विभाग ने दिए निर्देश
स्वास्थ विभाग की ओर से सभी जिलों को निर्देश दिया गए है कि पिछले 21 दिनों में जो भी व्यक्ति किसी अन्य देश से आए हैं जहां मंकी पॉक्स की पुष्ट या संभावित रोगी होने की सूचना है उनकी एक स्क्रीनिंग कराई जाए।
ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सकें। और यदि स्क्रीनिंग के बाद कोई व्यक्ति संक्रमित मिलता है या अगर उस व्यक्ति में कोई लक्षण मिलता है तो उसकी तुरंत केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजी लैब से जांच कराई जाए।
इस दौरान यूपी के स्वास्थ्य विभाग में केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजी लैब में मंकी पॉक्स की जांच कराने के लिए कुछ व्यवस्था की गई है जिसमें उसका सैंपल भेजने के लिए भी अलग से टीम बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं संदिग्ध मरीजों के बारे में जिले और राज्य स्तर पर सर्विलांस इकाई को सूचना देने के लिए कहा गया है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव रंजन कुमार की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है जिसमें अफ्रीकी देशों के स्थानीय निवासियों के साथ इन देशों की यात्रा पर गए यात्रियों में भी मंकी पॉक्स के संक्रमण का पता चला है।
इस दौरान मंकी पॉक्स से संक्रमम को कम करने व रोकने के लिए लोगों की स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंग। . इस दौरान नोडल अधिकारी भी बनाए जाएंगे, जिनके मोबाइल नंबर की सूचना राज्य मुख्यालय को भेजी जाएगी।
वहीं हवाई अड्डे पर भी अंतरराष्ट्रीय यात्री स्वास्थ्य डेस्क स्थापित किए जाएंगे। बुखार, अत्यधिक कमजोरी और अज्ञात कारणों से निकलने वाले दाने वाले यात्रियों को चिन्हित किया जाएगा और उसके साथ ही उनके नमूने लेकर उसकी जांच की जाएगी।