UP NEWS: उत्तर प्रदेश की पहचान को स्वच्छ प्रदेश के तौर पर स्थापित करने के लिए प्रयासरत योगी सरकार एक सितंबर से 15 सितंबर तक प्रदेश में ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ मनाने जा रही है।
15 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में परिषदीय विद्यालयों के बच्चों और शिक्षकों के साथ समुदाय के लोग भी सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे। इसको लेकर विभागीय स्तर पर तैयारियों को अंजाम दिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ के पहले दिन ‘स्वच्छता शपथ’ दिलाई जाएगी, जिसमें छात्र, शिक्षक और स्टॉफ के साथ ही अन्य नागरिकों की भी सहभागिता होगी।
शपथ दिलाने के बाद विद्यालयों में विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियां शुरू होंगी। निर्धारित कार्यक्रमों और गतिविधियों को अवकाश पड़ने की स्थिति में अगले दिन होने वाले कार्यक्रमों के साथ संपन्न कराया जाएगा।
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा ‘स्वच्छता पखवाड़ा’की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है। ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ मनाने के लिए उन्हें कार्यक्रमों और गतिविधियों की सूची भी उपलब्ध कराई गई है।
पखवाड़े के प्रथम सप्ताह में विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक होगी और इसमें स्वच्छता के संबंध में जानकारी दी जाएगी। बच्चों के माता-पिता और शिक्षकों के मध्य बैठक कर लोगों के बीच साफ-सफाई और हाथ धोने, मास्क का प्रयोग करने और सामाजिक दूरी के महत्व को बताया जाएगा।
प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है। ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ मनाने के लिए उन्हें कार्यक्रमों और गतिविधियों की सूची भी उपलब्ध कराई गई है।
पखवाड़े के प्रथम सप्ताह में विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक होगी और इसमें स्वच्छता के संबंध में जानकारी दी जाएगी। बच्चों के माता-पिता और शिक्षकों के मध्य बैठक कर लोगों के बीच साफ-सफाई और हाथ धोने, मास्क का प्रयोग करने और सामाजिक दूरी के महत्व को बताया जाएगा।
स्वच्छता संबंधी अच्छी आदतों को शिक्षक और छात्रों को विद्यालय, घर तथा समुदाय के लोगों को घर और कहीं बाहर होने की स्थिति में अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है। ‘
स्वच्छता पखवाड़ा’ मनाने के लिए उन्हें कार्यक्रमों और गतिविधियों की सूची भी उपलब्ध कराई गई है। पखवाड़े के प्रथम सप्ताह में विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक होगी और इसमें स्वच्छता के संबंध में जानकारी दी जाएगी।
प्रत्येक विद्यालय या शिक्षण संस्थान में बच्चों के पीने के लिए पानी की व्यवस्था और उपलब्धता से जुड़ी सुविधाओं तथा विद्यालय परिसर की स्वच्छता से संबंधित होने वाले कार्यों का भी मूल्यांकन होगा।
मूल्यांकन की जिम्मेदारी विद्यालय के शिक्षकों की होगी। मूल्यांकन करने वाला शिक्षक सुविधाओं की मरम्मत और रख-रखाव के लिए आवश्यकता के अनुसार प्रस्ताव तैयार करेगा और योजना भी बनाएगा।
इस दौरान विद्यालयों में साफ-सुथरे परिसर और स्वच्छ शौचालय विषयक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। विद्यालय में सफाई और स्वच्छता की आदतों पर छात्रों के लिए निबंध, स्लोगन और कविता लेखन के अलावा पेंटिंग, भाषण, प्रश्नोत्तरी, मॉडल बनाने की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।
– 01 सितंबर को ‘स्वच्छता शपथ’
– 02 और 03 सितंबर को ‘स्वच्छता जागरूकता दिवस’
– 04 और 05 सितंबर को ‘सामुदायिक सहभागिता’
– 06 सितंबर को ‘ग्रीन स्कूल मुहिम’
– 07 और 08 सितंबर को ‘स्वच्छता प्रतिभागिता दिवस’
– 09 और 10 सितंबर को ‘हाथ धुलाई दिवस’
– 11 सितंबर को ‘व्यक्तिगत स्वच्छता दिवस’
– 12 सितंबर को ‘स्वच्छ विद्यालय प्रदर्शनी दिवस’
– 13 और 14 सितंबर को ‘स्वच्छता कार्य-कलाप दिवस’
– 15 सितंबर को ‘पुरस्कार वितरण दिवस’