संगम की धरा अपने अंदर समाहित किए हुए है साहित्य का भंडार, संस्कृति का खजाना है ऐसे में इस संगम के वेग से सियासी लोग भी नहीं बचे हैं और यहाँ एक नहीं कुल 7 प्रधानमंत्रियों का संबंध रहा है। जिसमें 3 प्रधानमंत्रियों का यहा जन्म हुआ है तो वहीं 4 पीएम ऐसे भी रहे हों जिन्हे गढ़ने, संवारने और ऊँचे शिखर तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण योगदान और सहायता प्रदान किया है।
देश में जब 18वीं लोकसभा चुनाव का डंका बज चुका है तो ऐसे में पूरब के राजनीति का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले शहर प्रयागराज को कैसे पीछे छोड़ा जा सकता है। ऐसे में देश के सियासत के जमीन पर हमेशा से ही इसका एक मुख्य स्थान रहा है।
सभी पार्टियों में टिकटों को लेकर खींचतान जारी है
बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा जैसी पार्टियों में यहां के टिकट के लिए खींच-तान शुरू हो गया है। ऐसे में इस पाठशाला से निकले उन लोगों की भी चर्चा रहती है जो यहां से खरा सोना बनकर सांसद बने।
चाहे बात करें भारत देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की या महज 7 महीने प्रधानमंत्री के पद पर रहने वाले चंद्रशेखर या कार्यवाहक पीएम के रूप में कार्यरत रहे गुलजारी लाल नंदा की। देश के भविष्य और रूपरेखा को सुधार करने वाले इन महानुभावों का इस जगह से सीधा जुड़ाव रहा है।
जवाहरलाल नेहरू तीन बार इलाहाबाद और फूलपुर से चुने गए
देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू के लिए यह शहर जन्मभूमि के साथ-साथ कर्मभूमि भी रही है। वे यहाँ पहली बार 1951 में इलाहाबाद ईस्ट सीट से सांसद बने थे । वहीं फूलपुर संसदीय सीट से नेहरू दो बार सांसद बने थे।
करछना से शास्त्री जी का ‘जय जवान जय किसान’
भारत के पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री ने भी 1957 और 1962 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान इलाहाबाद सीट से विजयी होकर संसद पहुंचे थे। वहीं 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय इलाहाबाद के करछना विधानसभा के उरुवा ब्लॉक में एक जनसभा को देश के बारे में संबोधन करते हुए ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था।
संगमनगरी पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा की जन्मभूमि
भारत देश की पहली महिला प्रधानमंत्री रही इंदिरा गांधी की जन्मभूमि भी संगमनगरी ही है। बता दें कि इंदिरा की फिरोज संग शादी संगमनगर में स्थित आनंद भवन में ही पूर्ण हुई थी। इस भवन में अभी तक उनके बचपन से लेकर शादी तक और बाद में मिली कई और निशानियों को संजोकर रखा गया है।
राजीव गांधी का संबंध भी प्रयागराज से
राजीव गांधी का लगाव भी इस प्लेस से बहुत रहा है। जिसके कारण उन्होंने अपने मित्र और फिल्म स्टार के महान नायक अमिताभ बच्चन को चुनाव में उतारा था। वहीं पीएम पद को संभालते हुए राजीव ने इस शहर के लिए कई और महत्वपूर्ण कार्य किये। जिसका एक उदाहरण नैनी में बने हिंदुस्तान केबल फैक्टरी है।
गुलजारीलाल नंदा ने भी की यहां से कानून की पढ़ाई
भारत देश के दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में अपना योगदान देने वाले गुलजारीलाल का संबंध भी इलाहाबाद से रहा है। उन्होंने अपने कानून के स्नातकोत्तर की शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ही प्राप्त की है और वे यहाँ के शोधछात्र भी रहे हैं।
वीपी सिंह का इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ के उपाध्यक्ष
भारत के 8वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत रहे और पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए कमीशन मंडल को लागू करने वाले वीपी सिंह इसी शहर के गलियों से अपना मुकाम लेते थे। बता दें कि मांडा के राजपरिवार में उनका जन्म हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि किसी दौर में इस कोठी से देश की दिशा और दशा का संचालन होता था। वीपी सिंह ने भी विवि से पढ़ाई की है और वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत रहे।
चंद्रशेखर को यही मिला था राजनीति का कखगघ
युवा के तौर पर जाने गए भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री को प्राप्त किया। वहीं इन्होंने राजनीति के कखगघ को भी यही से सगझना और भाग लेना शुरू किया।