उत्तर प्रदेश पुलिस ने डिजिटल तकनीक का अधिकतम उपयोग करते हुए आमजन की सेवा में नई ऊंचाइयों को छुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार के निर्देशन में, पुलिस बल अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग कर अपनी सेवाओं को और बेहतर बना रहा है। इसी क्रम में, महाकुंभ 2025 के दौरान AI आधारित Surveillance & Crowd Management System की नवीन पहल के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस को प्रतिष्ठित ETGovernment DigiTech Award 2025 से सम्मानित किया गया है।
विशेष ज्यूरी द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस का चयन
यह पुरस्कार उत्तर प्रदेश पुलिस को एक प्रतिष्ठित 5 सदस्यीय ज्यूरी पैनल द्वारा प्रदान किया गया, जिसमें देश के वरिष्ठ अधिकारी और टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ शामिल थे:
1. Alkesh Kumar Sharma – पूर्व सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार
2. Rajiv Bansal – पूर्व सचिव, नागरिक उड्डयन मंत्रालय एवं CEO, National Institute for Smart Government
3. Shankar Aggarwal – पूर्व सचिव, आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय, भारत सरकार
4. Dr. Hari Babu Srivastava – पूर्व महानिदेशक, DRDO एवं प्रोफेसर, IIT Delhi
5. Manoj Chugh – पूर्व अध्यक्ष, Group Public Affairs, Mahindra Group
नई दिल्ली में 5th DigiTech Conclave में हुआ सम्मान समारोह
दिनांक 18 मार्च 2025 को नई दिल्ली में आयोजित 5th DigiTech Conclave & Award समारोह में, उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक द्वारा नामित अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रयागराज, अजयपाल शर्मा ने यह सम्मान ग्रहण किया। यह पुरस्कार The Economic Times संस्था द्वारा Best Use of AI/ML, Data Analytics and Emerging Technologies in Public Services श्रेणी में प्रदान किया गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस की डिजिटल प्रगति और भविष्य की संभावनाएं
उत्तर प्रदेश पुलिस का यह सम्मान यह दर्शाता है कि राज्य में Artificial Intelligence (AI), Machine Learning (ML) और Data Analytics जैसी आधुनिक तकनीकों को सुरक्षा और सार्वजनिक सेवा के लिए प्रभावी रूप से अपनाया जा रहा है। Surveillance & Crowd Management System के माध्यम से भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है, जो भविष्य में भीड़भाड़ वाले आयोजनों जैसे कुंभ और धार्मिक मेलों में अत्यंत उपयोगी साबित होगा।
उत्तर प्रदेश पुलिस का यह डिजिटल नवाचार न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल साबित हो सकता है। यह पहल भविष्य में सार्वजनिक सुरक्षा के क्षेत्र में AI आधारित तकनीकों के अधिकतम उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।