बीएचयू से मरीज के लापता होने की आशंका में परिजनों और अन्य लोगों ने गुरुवार की सुबह जबरदस्त हंगामा किया। अस्पताल से लेकर सिंह द्वार तक हंगामा हुआ। कई थानों की पुलिस बुला ली गई। करीब पांच घण्टे बाद पता चला कि मरीज अपने एक रिश्तेदार के यहां है। इसके बाद मामला शांत हुआ।
बताया जाता है कि रोहनिया के रहने वाले 62 वर्षीय आसाढू यादव चार दिन पहले दीवार गिरने से चोटिल हो गए थे। परिवार वालों ने उन्हें ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था। यहां से कोरोना पॉजिटिव बताते हुए सुपर स्पेशिलिटी में भेज दिया गया। यहां भी उनकी हालत गंभीर बनी रही। मरीज के बेटे धर्मेंद्र के अनुसार पहले उनके पिता को छठे फ्लोर पर रखा गया। फिर दूसरे फ्लोर पर लाकर भर्ती कर दिया गया। कहा गया कि हालत ठीक नहीं है। हम लोगों से लगातार दवाइयां मंगाई जाती रहीं। गुरुवार की सुबह जब पिता के हाल के बारे में पूछा गया तो अस्पताल प्रशासन ने कहा कि रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद रात डेढ़ बजे डिस्चार्ज कर दिया गया है।
परिजनों ने अचानक आधी रात मरीज को अकेले डिस्चार्ज पर सवाल उठाया। डिस्चार्ज स्लिप वगैरह मांगा तो नहीं दिया गया। इस पर हंगामा शुरू हो गया। अस्पताल के बाहर ही परिजनों और अन्य लोगों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्राक्टर ऑफिस के लोगों ने पहले समझाने की कोशिश की लेकिन हंगामा बढ़ने लगा तो पुलिस बुला ली गई। कुछ देर में ही बड़ी संख्या में कई संघटनों के लोग भी पहुंच गए। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अस्पताल से बीएचयू गेट तक भारी फोर्स पहुंच गई। बीएचयू के मुख्य द्वार को भी बंद कर दिया गया है। इसी बीच पता चला कि मरीज डिस्चार्ज होने के बाद अस्सी स्थित अपने एक रिश्तेदार के यहां पहुंच गया था। इसके बाद मामला शांत हुआ।