बीएमसी ने बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री कंगना रनौत के मुंबई स्थित कार्यालय के कुछ हिस्सों को बुधवार को तोड़ दिया। बीएमसी के इस फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार में शामिल शिवसेना के सहयोगी दल भी आ गए हैं। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अभिनेत्री कंगना रनौत का समर्थन किया है और इस कृत्य में शामिल राजनेताओं से माफी मांगने की बात कह डाली है।
इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य इंद्रेश कुमार ने वाराणसी में कहा कि राजनेताओ को कंगना रनौत से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नारी के साथ कभी अपशब्द या दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए। ये हमेशा अमानवीय होता है। नारी जाति का सम्मान राजनेता का राजनीतिक कर्तव्य होता है। इंद्रेश कुमार ने कहा कि पूरा मीडिया कंगना रनौत के साथ खड़ा है, उसे कौन तंग करेगा। जिन्होंने कंगना का अपमान किया है, उन्हें क्षमा याचना करना चाहिए।
शरद पवार भी खिलाफ में
बता दें कि कंगना रनौत के ऑफिस के एक हिस्से पर बीएमसी के चले बुलडोजर को खुद राज्य के सहयोगी दलों का समर्थन नहीं मिल रहा है। महाराष्ट्र विकास अघाडी के सहयोगी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि इसे गैर-जरूरी पब्लिसिटी दी जा रही है। पवार ने कंगना रनौत का नाम लिए बिना कहा कि उनके बयानों को अनुचित महत्व दिया जा रहा है।
संजय निरूपम ने भी खड़े किए सवाल
बीएमसी कार्रवाई पर कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने भी सवाल खड़े किए हैं। संजय निरूपम ने ट्वीट करते हुए पूछा है, ‘कंगना का ऑफिस अवैध था या उसे डिमॉलिश करने का तरीका? क्योंकि हाई कोर्ट ने कार्रवाई को गलत माना और तत्काल रोक लगा दी। पूरा एक्शन प्रतिशोध से ओत-प्रोत था। लेकिन बदले की राजनीति की उम्र बहुत छोटी होती है। कहीं एक ऑफिस के चक्कर में शिवसेना का डिमॉलिशन न शुरू हो जाए!’