पर्यटन विभाग गंगा में एक और क्रूज चलाने का प्रस्ताव शासन को भेजने जा रहा है। गंगा में यह तीसरा क्रूज होगा। यह अन्य दो क्रूज से बड़ा होगा। इसका मॉडल विदेशों में चलने वाले क्रूज की तरह आकर्षक होगा।
वाराणसी में धार्मिक पर्यटन के विस्तार के लिए वर्तमान में निजी एजेंसी की मदद से एक क्रूज संचालित हो रहा है। वहीं, दूसरा 10 करोड़ी क्रूज गोवा शिपयार्ड में बनकर तैयार है। उसके भी नवम्बर से संचालन की तैयारी है। क्रूज के पॉयलट क्रू-मेंबर का प्रशिक्षण दिया जाना है। इसके साथ ही तीसरे क्रूज के चलाने की तैयारी शुरू हो गयी है।
पिछले दिनों मंडलायुक्त ने डीएम व पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर मॉडल पर चर्चा की थी। अधिकारियों की मानें तो वाराणसी के धार्मिक पर्यटन को इको टूरिज्म के रूप में विस्तार देने के लिए कैथी मारकंडेय महादेव और शूलटंकेश्वर तक क्रूज चलाया जाएगा। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया क्रूज का मॉडल तय कर लिया गया है। जल्द ही इसका प्रस्ताव पर्यटन विभाग की ओर से शासन में भेजा जाएगा।
वाराणसी में फिलहाल अलकनंदा काशी के नाम से लक्जरी क्रूज चलता है। यह अस्सी और राजघाट के बीच चलाया जाता है। अलकनंदा क्रूज वाराणसी का पहला वातानुकूलित लक्जरी रिवर क्रूज है। इसकी ऑनलाइन बुकिंग होती है। एक प्राइवेट सेल इस लक्जरी क्रूज का संचालन करती है। करीब 12 किलोमीटर लंबी इस लग्जरी राइड से सुबह वाराणसी और गंगा आरती के शानदार दृश्यों का अनुभव करने का मौका मिलता है। शाम के समय आप सूर्यास्त के अद्भुत नजारे के साथ सांध्य संगीत और गंगा आरती का हिस्सा बन सकते हैं।
अगर आप सुबह के समय क्रूज की सैर करना चाहते हैं तो 7.00 से 8.30 बजे तक इसका आनंद ले सकते हैं। शाम के समय क्रूज की सैर के लिए समय 6.00 बजे से रात 8.30 बजे तक का समय है। क्रूज की फीस 750 रुपए है। इसके अतिरिक्त जीएसटी अलग से चार्ज किया जाता है। क्रूज पर अलकनंदा जेट्टी, रविदास पार्क घाट नागवा से सवारी बैठाई जाती है।