उत्तर प्रदेश में इस साल गर्मियों में बिजली की मांग नए रिकॉर्ड बना सकती है। वर्तमान में प्रदेश में बिजली की डिमांड 21,000 मेगावाट को पार कर चुकी है, और जून 2025 तक यह मांग 33,000 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच अतिरिक्त बिजली खरीद के लिए 3,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
गर्मी के मौसम में Cooling Load बढ़ने के कारण बिजली की खपत में तेजी से वृद्धि होती है। उद्योगों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और घरेलू उपभोक्ताओं की बढ़ती जरूरतों के चलते Power Demand में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। इस साल बिजली की खपत के सभी पुराने रिकॉर्ड टूट सकते हैं।
प्रदेश सरकार और Uttar Pradesh Power Corporation Limited (UPPCL) ने पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक रणनीतियां बनाई हैं। Peak Load Management और Alternative Power Sources के उपयोग पर भी जोर दिया जा रहा है, ताकि आपूर्ति में किसी तरह की बाधा न आए।
उत्तर प्रदेश में बढ़ती बिजली की मांग से Grid Management और Power Distribution System की चुनौतियां भी बढ़ सकती हैं। सरकार बिजली कटौती से बचने के लिए Renewable Energy Sources और Short-Term Power Purchase Agreements जैसी योजनाओं पर काम कर रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में प्रदेश बिजली संकट से कैसे निपटता है और उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति कैसे सुनिश्चित की जाती है।