{ मदन मोहन शर्मा की रिपोर्ट }
लॉकडाउन होने के कारण दिहाड़ी मजदूरों के सामने एक बड़ा संकटआया है, लगभग 45 दिन से ज्यादा का दिन बीत जाने के बाद आज भी ऐसे गांव है जहां लोग अपने और अपने परिवार के जीवन यापन के लिए शहर में कमाने आते थे। लेकिन कोरोनावायरस ने उनकी जिंदगी में ग्रहण लगा दिया है।
ऐसे में ग्रामीणों के लिए सीआरपीएफके जवान मसीहा बनकर पहुंचे, निराश्रित परिवारों को राशन दिया बल्कि उनको हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया।
पहड़िया स्थित सीआरपीएफ की 95वीं बटालियन ने शहर अलग-अलग इलाकों में लगातार सनेटाइज कर रहे है।
इसी क्रम में सीआरपीएफ के जवानों द्वारा सारनाथ थानाक्षेत्र के नवापूरा इलाके में सनेटाइज किया गया वहीं सीआरपीएफ 95वीं बटालियन के कमांडेंट नरेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में लगभग 50 निराश्रित परिवारों के बीच राशन वितरित किया।
इस मौके पर सीआरपीएफ 95वीं बटालियन के कमांडेंट नरेंद्र प्रताप सिंह व के साथ साथ सीआरपीएफ के कई अधिकारी मौजूद रहे।
ऐसे में कहा जा सकता है कि सीआरपीएफ एक तरफ देश की सुरक्षा के लिए दुश्मनों से नही लड़ते बल्कि इस अदृश्य महामारी में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहे है।
तभी तो सीआरपीएफ का नारा है, सीआरपीएफ अजेय – भारत माता की जय यही हौसला अदृश्य महामारी पर विजय दिलाएगा ।