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Greater Noida : कूड़े से बन रही सीएनजी से फर्राटा भर रहे है वाहन, दूसरी कंपनियों के मुकाबले 5 रुपए तक सस्ती है यह सीएनजी 

ग्रेटर नोएडा : उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में डिस्पोज़ल प्लांट  में  शहर के कूड़े से सीएनजी बनाई जा रही है  दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में शारदा अस्पताल के पास शहर के कूड़े से सीएनजी बनाई जा रही है।

By: Desk Team  RNI News Network
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Greater Noida : कूड़े से बन रही सीएनजी से फर्राटा भर रहे है वाहन, दूसरी कंपनियों के मुकाबले 5 रुपए तक सस्ती है यह सीएनजी 

ग्रेटर नोएडा : उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में डिस्पोज़ल प्लांट  में  शहर के कूड़े से सीएनजी बनाई जा रही है  दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में शारदा अस्पताल के पास शहर के कूड़े से सीएनजी बनाई जा रही है। इस सस्ती सीएनजी से शहर में कारें फर्राटा  भरती नज़र आ रही है  यह गैस इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के मुकाबले लगभग  पांच रुपये सस्ती है। इस प्लांट में हर दिन लगभग 18 टन कचरा डिस्पोज किया जा रहा है। सीएनजी के साथ ही यहां पर  खाद और डीजल भी बनाया जा रहा है। जिससे  जहां स्वच्छता को बढ़ावा के साथ ही लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। प्लांट में गीला, सूखा, प्लास्टिक, कांच, धातु और अन्य कचरे को अलग-अलग कर उन्हें इस्तेमाल के योग्य बनाया जा रहा है।

इस प्लांट की सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि यहां हर दिन 200 किलो सीएनजी का उत्पादन हो रहा है। प्लांट के पास ही बने एक स्टेशन के जरिये इस सीएनजी का वाहनों में इस्तेमाल हो रहा है। ब्लू प्लैनेट एनवायरनमेंट सॉल्यूशंस नाम के यह  प्लांट 2023 में शुरू हुआ था इस प्लांट में आने वाले कचरे को सेग्रीगेशन प्रोसेस  से गुजरना पड़ता है। यहां गीला, सूखा, कांच, प्लास्टिक और धातु जैसे 50 तरह के कचरे को अलग किया जाता है। इसके बाद जैविक कचरे से रोजाना 800 किलो खाद तैयार की जा रही है। इसे किसानों को मुफ्त में दिया जाता है। यह खाद न केवल फसलों की पैदावार में सुधार कर रही है, बल्कि इसकी गुणवत्ता बाजार में मिलने वाली सामान्य खाद से कहीं ज्यादा  बेहतर है।
कूड़ा निस्तारण के बाद निकलने वाले प्लास्टिक कचरे से पॉली फ्यूल डीजल बनाया जा रहा है। हर हफ्ते करीब 50 लीटर पॉली फ्यूल डीजल तैयार होता है। इसका उपयोग जनरेटर सहित कई उपकरणों के संचालन में किया जा रहा है। प्लांट के संचालन के लिए जीपीएस लगी 12 गाड़ियां सेक्टर अल्फा-1, 2, बीटा-1, 2, गामा-1, 2, रामपुर और नवादा गांव से डोर-टू-डोर कचरा एकत्र करती हैं। इस काम को करने में लगभग 100 से ज्यादा  लोगों को रोजगार मिल रहा है। कचरे की प्रोसेसिंग के लिए अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, जो इसे कुछ ही घंटों में डिस्पोज कर देते हैं।

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