उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार के खिलाफ विजिलेंस विभाग को गोपनीय जांच करने के आदेश दिए हैं। उन पर अकूत संपत्ति अर्जित करने और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं।
विजिलेंस को मिले कई ठोस सबूत
बीते 22 नवंबर 2024 को मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग ने विजिलेंस को साक्ष्य संकलन करने की संस्तुति दी थी। जांच के दौरान डीजी विजिलेंस को कई महत्वपूर्ण साक्ष्य प्राप्त हुए, जिसके बाद विस्तृत पड़ताल के लिए शासन से गोपनीय जांच की अनुमति मांगी गई थी।
भ्रष्टाचार के कारण पद से हटाए गए थे ज्ञानेंद्र कुमार
मुख्यमंत्री के आदेश से डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार को उनके पद से हटाया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने अयोध्या मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार को चरम पर पहुंचाया। कई करोड़ रुपये के घोटाले में भी उनकी संलिप्तता बताई जा रही है।
संविदाकर्मी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का भी आरोप
डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार के खिलाफ अयोध्या के थाना कोतवाली में एक आपराधिक मामला दर्ज है। उन पर आरोप है कि उन्होंने संविदाकर्मी प्रभुनाथ मिश्र को इतना प्रताड़ित किया कि वह आत्महत्या के लिए मजबूर हो गए।
लोकायुक्त जांच के साथ विजिलेंस जांच भी जारी
पूर्व प्राचार्य के खिलाफ पहले से ही लोकायुक्त जांच चल रही है। अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर Vigilance Department को भी गोपनीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री का कड़ा संदेश: भ्रष्टाचार पर होगी कठोर कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। अयोध्या मेडिकल कॉलेज में हुए घोटाले और अन्य आरोपों की गहराई से जांच की जाएगी, जिससे दोषियों को सजा दिलाई जा सके।