उत्तर प्रदेश में कोटेदारों की मनमानी से ग्रामीण परेशान हैं। तमाम शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जिसके चलते कोटेदार बेलगाम हो गए हैं। ताजा मामला बलिया जिले का है, जहां ग्राम पंचायत सिकरिया कला के पीड़ित उपभोक्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंकर भ्रष्ट कोटेदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जिलाधिकारी से मिलकर शिकायती पत्र दिया है।
बलिया जनपद में कई कोटेदार गरीबों का राशन डकारने में लगे हैं। लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बात करें ग्राम पंचायत सिकरिया कला की तो यहां पर कोटेदार जनता के राशन पर डाका डालते नजर आ रहा है। लोगों का आरोप हैं कि घटतौली रोकने के लिए सरकार द्वारा दी गई नई मशीन से कोटेदार पर्ची तो निकालता है लेकिन राशन पुरानी मशीन पर तोलकर देता है।
उनका आरोप है कि कोटेदार को कोरोना काल में 8 माहिने का चना मिला था, लेकिन लोगों को सिर्फ दो महीने का चना ही दिया गया। इसके अलावा 8 तारीख से 20 तारीख तक राशन वितरण का समय तय किया गया है। लेकिन कोटेदार 20 तारीख को ही सिर्फ एक दिन राशन बांटता है, जिससे कई लोगों को राशन से वंचित रहना पड़ता है।
वहीं राशन घोटाले की शिकायत पर लोगों से पूछताछ भी की गई। इसके बाद कोटेदार को कुछ दिनों के लिए सस्पेंड तो किया गया लेकिन फिर से उसे बहाल कर दिया गया। जिसके चलते फिर से राशन घोटाला शुरू हो गया है।
कोटेदार जनता के राशन में घोटाला कर रहे हैं, शिकायतों के बाद भी कोटेदार पर कार्रवाई न होने से जाहिर होता है कि इस खेल में अधिकारियों की भी मिलीभगत हो सकती है। ऐसे में प्रशासन को सही से जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। ताकि ग्रामीण उपभोक्ताओं को उनका हक का राशन मिल सके।