हापुड़ः हापुड़-गाजियाबाद नगर निगम की ओर से मसूरी नगर पट्टी के पास गालंद गांव में बनाए जा रहे डंपिंग ग्राउंड का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर सैकड़ों ग्रामीण ने महापंचायत की। उनका कहना है कि जब तक डंपिंग ग्राउंड को यहां से नहीं हटाया जाएगा, नगर निगम के खिलाफ धरना जारी रहेगा। बता दें कि इस मामले को लेकर किसान 2 जून से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। ग्रामीणों ने डंपिंग ग्राउंड स्थल के पास ही टेंट लगा दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि गाजियाबाद नगर निगम ने रिलायंस रोड पर गांव भोवापुर और गांलद के पास कूड़ा डंप करने को डंपिंग ग्राउंड बनाने के लिए जमीन खरीदने का प्रयास किया था। लेकिन किसानों ने वहां पर डंपिंग ग्राउंड बनाए जाने का विरोध करते जमीन देने से इंकार कर दिया था। इसके बाद एक बिल्डर ने मसूरी नगर की पट्टी के पास गांव गालंद में हाईटेक कॉलोनी और पानी का प्लांट लगाने के नाम पर जमीन खरीदी। जिसको ग्रामीण विजय, अजय, कंछीद, कुवरपाल, सबलू समेत कई किसानों से करीब 65 बीघा जमीन का बैनामा और एग्रीमेंट किया था।
(गालंद में डंपिंग ग्राउंड के विरोध करते ग्रामीण)
आरोप है कि बिल्डर ने किसानों को गुमराह कर खरीदी गयी जमीन गाजियाबाद नगर निगम को बेच दी थी। जिस जमीन पर डंपिंग ग्राउंड बनाया जा रहा है। गांव के किसानों को साफ तौर पर कहना है कि हम यहां डंपिंग ग्राउंड किसी भी कीमत पर नहीं बनने देंगे। हम मानते हैं कि जमीन सरकार की है तो सरकार इस पर अस्पताल बनाए स्कूल बनाए लेकिन डंपिंग ग्राउंड हरगिज़ नहीं बनाने देंगे।
हापुड़ से संवाददाता सोनू कुमार की रिपोर्ट